नई दिल्ली। रेलवे लॉकडाउन खुलने की स्थिति में ट्रेन संचालन पर मंथन शुरू कर दिया है। इस संबंध में रेलवे बोर्ड अध्यक्ष विनोद कुमार यादन ने सभी जोनल महाप्रबंधकों के साथ वीडियो कांफ्रेंस पर चर्चा कर सुझाव देने और प्लान तैयार करने को कहा है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक सरकार लॉकडाउन के बारे में फैसला नहीं करती और रेलवे बोर्ड द्वारा आदेश जारी नहीं कर दिए जाते, किसी भी हालत में ट्रेन संचालन की तारीख के बारे में कयास नहीं लगाए जाने चाहिए। क्योंकि इससे लोगों के बीच भ्रम और अफरातफरी की स्थिति पैदा हो सकती है।
रेड, येलो और ग्रीन जोन में विभाजित करने पर विचार
सूत्रों के अनुसार कांफ्रेंस के दौरान रेलवे बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि सरकार कोरोना संक्रमण मामलों के हिसाब से देश को तीन परिक्षेत्रों-रेड, येलो और ग्रीन जोन में विभाजित करने पर विचार कर रही है। रेड जोन में कोई भी ट्रेन नहीं चलाई जाएगी। येलो जोन में सीमित संख्या में ट्रेने चलेंगी। जबकि ग्रीन जोन में पूरी तरह ट्रेन यातायात खोल दिया जाएगा। लेकिन चलने वाली सभी ट्रेनो में कुछ नियमों का सख्ती से पालन किया जाएगा।
कोई सामान्य ट्रेन नहीं चलेगी
टाइम टेबल पर आधारित कोई सामान्य ट्रेन नहीं चलेगी। केवल स्पेशल स्लीपर और थर्ड एसी ट्रेने चलेंगी। जिनमें आरक्षण जरूरी होगा। उनमें भी सोशल डिस्टैंसिंग के तहत यात्रियों के बीच दूरी सुनिश्चित करने के लिए किसी भी यात्री को मिडिल बर्थ अलाट नहीं की जाएगी। संक्त्रमण कम होने तक ट्रेनों में चादर-कंबल तकिया तथा खाने की आपूर्ति नहीं होगी।
कोरोना हॉट स्पॉट चिह्नित स्टेशनों पर नहीं रुकेगी ट्रेन
सूत्रों के मुताबिक वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान ये बात उभर कर सामने आई कि मौजूदा रुख को देखते हुए संभवत: कोलकाता को छोड़कर ज्यादातर मेट्रो शहर रेड जोन में आ सकते हैं। ऐसे में दिल्ली, मुंबई, सिकंदराबाद, चेन्नई और बंगलूर के बीच ट्रेन सेवाएं चलाना शायद संभव न हो। लिहाजा इन शहरों के बीच कम से कम 30 अप्रैल तक कोई यात्री ट्रेन सेवा न चलाना ही बेहतर रहेगा। इस संदर्भ में इस तथ्य पर भी गौर किया गया कि कोरोना के कई केस ऐसे सामने आए हैं जिनमें व्यक्ति में शुरुआत में कोई लक्षण नहीं प्रकट हुए, परंतु बाद में गंभीर स्थिति पैदा हो गई। चर्चा के दौरान एक सुझाव ये भी आया कि किसी भी ट्रेन को कोरोना हॉट स्पॉट के तौर पर चिह्नित स्टेशनों पर नहीं रोका जाना चाहिए।