नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट नागरिकता संशोधन कानून पर 18 दिसम्बर को सुनवाई करेगा। आज सोमवार को याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने चीफ जस्टिस एस ए बोब्डे की अध्यक्षता वाली बेंच से जल्द सुनवाई की मांग की। तब चीफ जस्टिस ने 18 दिसम्बर को सुनवाई करने का आदेश दिया।
याचिकाएं दायर करनेवालों में कांग्रेस नेता जयराम रमेश, तृणमूल कांग्रेस के सांसद महुआ मोइत्रा, पीस पार्टी, रिहाई मंच और सिटिजन अगेंस्ट हेट नामक एनजीओ, जन अधिकार पार्टी, इंडियन मुस्लिम लीग और एहतेशाम हाशमी, असम के नेता डी. सैकिया, सांसद अब्दुल खालिक, विधायक रुपज्योति, ऑल असम स्टूडेंट्स युनियन, पूर्व आईएएस अधिकारी सोम सुंदर बरुआ, अमिताभ पांडे आईएफएस देव मुखर्जी बर्मन और त्रिपुरा के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष किशोर देव बर्मन शामिल हैं। याचिकाओं में नागरिकता संशोधन कानून को रद्द करने की मांग की गई है। पीस पार्टी ने अपनी याचिका में कहा है कि धर्म के नाम पर वर्गीकरण की संविधान इजाजत नहीं देता है।
इस कानून के खिलाफ पिछले 12 दिसम्बर को इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने याचिका दाखिल की थी। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की याचिका में कहा गया है कि धर्म के आधार पर वर्गीकरण की संविधान इजाजत नहीं देता। ये कानून संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।