नई दिल्ली: देश में कोरोना मामलों की संख्या में तेजी से वृद्धि के बीच केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा है कि वे सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में प्राथमिकता समूहों के लिए टीकाकरण में तेजी लाएं। इसके साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ को जमा ना होने दिया जाए। वहीं परीक्षण में कमी की रिपोर्ट करने वाले जिलों में सुधार और आरटी-पीसीआर टेस्ट में वृद्धि की जाए।
केंद्र सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ सक्रिय रूप से लगातार बातचीत कर रहा है, जहां पर नए और सक्रिय मामलों में अधिक उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। केंद्र नियमित रूप से राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ COVID-19 की स्थिति और सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की स्थिति की समीक्षा कर रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, लगभग 4 करोड़ COVID-19 वैक्सीन की खुराक दी गई हैं। जारी की गई प्रेस रिलीज में कहा गया है, “राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी जाती है कि वे पहले 72 घंटों में सकारात्मक मामलों के साथ-साथ क्लिनिकल प्रोटोकॉल के अनुसार गंभीर मामलों के न्यूनतम इलाज के लिए औसतन 20 से अधिक व्यक्तियों से संपर्क करें।”
इसमें COVID-19 मामलों की अधिक मात्रा वाले जिलों व क्षेत्रों को निगरानी और कड़े नियंत्रण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा गया है।
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वायरस वेरिएंट को ट्रैक करने के लिए जीनोम परीक्षण के लिए नमूने भेजने पर भी पालन करना चाहिए।
प्रेस रिलीज में कहा गया है, “सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को नोडल संस्थान के रूप में नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (एनसीडीसी) के साथ INSACOG कंसोर्टियम के तहत 10 राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं में टैग किया गया है।”
केंद्र ने सार्वजनिक स्थानों पर सभा को सीमित करने और उच्च मामलों की रिपोर्ट करने वाले जिलों में प्राथमिकता वाले जनसंख्या समूहों के लिए टीकाकरण में तेजी लाने का आह्वान किया है। इसके बाद केंद्र ने महाराष्ट्र और पंजाब को उच्च स्तरीय सार्वजनिक स्वास्थ्य टीमों को COVID-19 नियंत्रण और उपायों में सहायता करने के लिए इन दोनों राज्यों में मामलों की हालिया स्पाइक के मद्देनजर नियुक्त किया है।
भारत के कुल सक्रिय मामलों में तीन राज्य महाराष्ट्र, केरल और पंजाब 76.48 प्रतिशत हैं।