कानपुर। नागरिकता संशोधन एक्ट (सीएए) को लेकर शहर में भड़की हिंसा के दौरान बाबूपुरवा में हुई फायरिंग में घायल तीसरे उपद्रवी ने रविवार को हैलट अस्पताल में दम तोड़ दिया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। कानपुर में भड़की हिंसा में अब तक तीन उपद्रवियों की मौत हो चुकी है।
जुमे की नमाज के बाद बीते शुक्रवार को कानपुर के यतीमखाना से निकली हजारों की भीड़ ने सड़कों पर पथराव व प्रदर्शन किया। इस दौरान बाबूपुरवा बगाही ईदगाह के पास भी हजारों जमा भीड़ उग्र हो गई और हिंसक रूप ले लिया। पुलिस से भिड़ते हुए उपद्रवियों ने पथराव व फायरिंग कर दी। इस बीच पुलिस ने लाठी पटक कर हिंसक भीड़ को खदेड़ दिया। इसके बाद भड़के उपद्रवियों ने पुलिस की गाड़ियों सहित कई वाहनों में आग लगा दी। यहां भड़की हिंसा व फायरिंग में कई पुलिस कर्मी घायल हो गए। इसके अलावा हिंसक भीड़ में शामिल 12 उपद्रवी भी गोली लगने से घायल होकर हैलट अस्पताल पहुंचे। इनमें आफताब व सैफ की मौत हो गई जबकि अन्य का इलाज चलता रहा।
उपद्रवियों की भीड़ में गोली लगने से बेगमपुरवा निवासी मो. रईस (30) भी घायल हुआ था लेकिन परिजन उसे कार्रवाई के डर से घायल अवस्था में घर पर ही रखे रहे। हालत बिगड़ने पर शनिवार को पिता मो. शरीफ उसे लेकर हैलट अस्पताल पहुंचे, जिसके बाद मामले की जानकारी पुलिस को हो सकी। डाक्टरों ने उपद्रव में गोली लगने से घायल रईस का इलाज शुरू किया लेकिन रविवार को दोपहर बाद उसकी भी सांसें थम गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इस कानपुर में भड़की हिंसा में गोली लगने से घायल तीसरे उपद्रवी की भी मौत हो गई जबकि अभी भी नौ लोगों का हैलट अस्पताल में इलाज चल रहा है।