केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज लोकसभा में एक बयान दिया जिसमे उन्होंने कहा कि सरकार ‘वाहन स्क्रैप नीति’ पर काम कर रही है, इस नीति से प्रदूषण को कम करने के साथ-साथ वाहनों की लागत 40% तक कम करने में मदद मिलेगी|
‘रीसाइक्लिंग’ पर करेंगे काम
दुनिया के छोटे देशों से स्क्रैप के लिए वाहनों को भारत लाया जाएगा और स्क्रैपिंग सेंटर में उन्हे रखा जाएगा, इससे देश में एल्युमीनियम, तांबा और रबर की रिसाइकिलिंग को बढ़ावा मिलेगा जिससे वाहनों की लागत 40% तक सस्ती हो जाएगी|
‘प्रतिस्पर्धी बनेंगी भारतीय कंपनिया’
गडकरी ने कहा कि देश की 2-व्हीलर कंपनियां जिनमें हीरो, बजाज और टीवीएस शामिल हैं, यह अपने उत्पादन का 50% निर्यात करती हैं| स्क्रैप पॉलिसी से रिसाइकिलिंग को बढ़ावा मिलेगा जिससे इन वाहनों की लागत कम होगी और इसके चलते दुनिया में उनका उत्पाद बढ़ेगा और प्रतिस्पर्धी बनेगा|
‘मेड इन इंडिया’ के साथ-साथ प्रदूषण में भी होगी कमी
नितिन गडकरी ने कहा कि अभी 81% लिथियम आयन बैटरियां देश में बन रही हैं, अगले साल तक 100% लिथियम आयन बैटरी मेड इन इंडिया और मेक इन इंडिया होगी| अगले दो साल के भीतर इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग बढ़ेगा और देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत मौजूदा पेट्रोल-डीजल वाहनों के अनुरूप होगी| नए वाहनों की तुलना में पुराने वाहन 10 से 12 गुना ज्यादा प्रदूषण करते हैं, इस स्क्रैप पॉलिसी से प्रदूषण और फ्यूल के खर्च दोनों में कमी आएगी|