नई दिल्ली। देश में कोरोना के मामले फिर बढ़ने लगे हैं. केरल में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है, महाराष्ट्र में भी डेल्टा का कहर बढ़ रहा है. इस बीच अब कुछ राज्य बच्चों के लिए स्कूल भी खोलने लगे हैं. टीकाकरण मामले में भी भारत में तेजी देखने को मिल रही है. अब इन सभी मुद्दों पर AIIMS डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने खास बातचीत की है.
स्कूल खोलने पर गुलेरिया
स्कूलों को खोलने पर रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि उन जगहों पर स्कूल खुल सकते हैं जहां पर पॉजिटिविटी रेट काफी कम है. उन्होंने दिल्ली में भी स्कूल खोलने की पैरवी की है. तर्क दिया गया कि सभी के पास ऑनलाइन पढ़ने की सुविधा नहीं होती, ऐसे में स्कूल खोलना जरूरी है. गुलेरिया ने जोर देकर कहा है कि जिस स्कूल में सभी टीचरों को वैक्सीन लग चुकी है, वहां पर स्थिति सबसे ज्यादा अनुकूल रहेगी. उन्होंने तमाम टीचरों से अपील की है कि वे खुद आगे आकर टीका लगवाएं.
वहीं स्कूल प्रशासन से गुलेरिया ने ये भी अपील की है कि लंच ब्रेक के दौरान या फिर किसी भी समय ज्यादा भीड़ को इकट्ठा नहीं किया जाए. स्कूल खुलने के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना जरूरी है. इसके अलावा रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि अब छोटे बच्चों के लिए भी स्कूल खोले जा सकते हैं. उनमें कोरोना का खतरा कम है, ऐसे में अगर उस राज्य में कोरोना स्थिति ठीक रही तो स्कूल खुल जाने चाहिए.
टीकाकरण पर गुलेरिया का अनुमान
उन्होंने अनुमान जताया है कि देश के सभी बच्चों को वैक्सिनेट करने में 9 महीने का समय लग जाएगा. ऐसे में इतने लंबे समय तक स्कूलों को बंद नहीं रखा जा सकता है. वहीं तीसरी लहर के दौरान बच्चों के लिए खतरे पर गुलेरिया ने साफ कर दिया है कि देश ने पहले से तैयारी कर रखी है. उन्होंने डॉक्टर त्रेहन की बात से इत्तेफाक नहीं रखते हुए कहा है कि कोरोना के मद्देनजर बच्चों के वॉर्ड बनाने पर काफी निवेश किया जा रहा है. हर तरह की तैयारी पहले से रखी जा रही है.
बूस्टर डोज पर गुलेरिया की राय
रणदीप गुलेरिया की तरफ से टीकाकरण पर भी बड़ी जानकारी दी गई है. उनके मुताबिक पूरे देश को साल के अंत तक टीका लगा दिया जाएगा. वे मानते हैं कि सरकार अपने टारगेट को समय रहते पूरा कर लेगी. इसी कड़ी में उन्होंने कहा है कि अभी देश को बूस्टर डोज की जरूरत नहीं है. उनकी माने तो ऐसे कोई आंकड़े सामने नहीं आए हैं जिससे बूस्टर डोज को ज्यादा सफल बताया जा सके.
AIIMS डायरेक्टर ने ये भी जानकारी दी है कि WHO द्वारा जल्द कोवैक्सीन को मंजूरी दी जा सकती है. ऐसा होने पर विदेश जाने का इंतजार कर रहे कई लोगों को बड़ी राहत मिल जाएगी.
लॉकडाउन लगाया जाएगा या नहीं?
लॉकडाउन के बारे में उन्होंने कहा है कि अगर आधे से ज्यादा संख्या वैक्सीन लगा लेती है तो लॉकडाउन की जरूरत नहीं पड़ेगी वहीं, लॉकडाउन का विचार केंद्र के हाथों में है।