रामगढ़ । झारखंड सरकार के स्वास्थ्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी के द्वारा डॉक्टर के पैसे पर की गई टिप्पणी से इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और झारखंड राज्य स्वास्थ्य सेवा संघ भड़क उठा है। आई एम ए के रामगढ़ जिला अध्यक्ष डॉ सीपी सिंह ने कहा कि एक तरफ से पहले स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने 367 डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र दी। उस मौके पर उन्होंने चिकित्सकों के कार्यों की सराहना की। साथ ही यह भी कहा कि कोरोना जैसे वैश्विक महामारी के दौरान चिकित्सक ईश्वर के प्रतिबिंब में नजर आए हैं। दूसरी तरफ स्वास्थ्य सचिव ने इस पेशे पर अभद्र टिप्पणी की।
उन्होंने कहा कि डॉक्टरी पेशा में आधे लोग इसलिए आते हैं कि काम ना करना पड़े। आधे इसलिए कि शादी में दहेज बढ़ जाए। संघ के लोगों ने मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और राज्यपाल से स्वास्थ्य सचिव के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन एवं झारखंड राज्य स्वास्थ्य सेवाएं संघ, झारखंड राज्य इकाई के द्वारा लिए गए निर्णय के आलोक में समस्त सरकारी एवं प्राइवेट चिकित्सकों ने सोमवार से विरोध स्वरूप काला रिबन लगाकर कार्य करने का निर्णय लिया है।
संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में आइएमए सचिव डॉक्टर स्वराज एवं झारखंड राज्य स्वास्थ्य सेवा संघ झारखंड के राज्य समन्वयक डॉ ठाकुर मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि आजादी के बाद से अभी तक किसी स्वास्थ्य सचिव ने चिकित्सकों के प्रति इस तरह की अभद्र टिप्पणी एवं अमर्यादित भाषा का उपयोग नहीं किया है। चिकित्सकों में स्वास्थ्य सचिव के नकारात्मक सोच के प्रति रोष है। अपने पूरे कार्यकाल में स्वास्थ्य सचिव ने चिकित्सकों से संबंधित कार्यों में नकारात्मकता दिखाइ है। विदित हो कि राजधानी रांची के अस्पताल में भी जिला स्तर के स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों का पद रिक्त है। स्पेशलिस्ट सभी चिकित्सकों से उनके संबंधित विभाग की कार्य लेने के बावजूद भी अभी तक किसी को स्पेशलिस्ट का कैडर नहीं दिया गया। ऐसे में स्वास्थ्य सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी को अपने स्तर से चिकित्सकों एवं कोविड-19 में सेवा देने वाले पारा कर्मियों के मनोबल बढ़ाने एवं प्रोत्साहित करना चाहिए था। स्वास्थ्य सचिव का गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण है। 10 जनवरी तक स्वास्थ्य सचिव के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है तो राज्य इकाई द्वारा बनाई गई रणनीति के अनुसार विरोध जारी रहेगा। सिविल सर्जन डॉक्टर नीलम चौधरी, जिला आरसीएच पदाधिकारी डॉ विनय मिश्रा, जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ साथी घोष , डॉ एस पी सिंह, उप अधीक्षक सदर अस्पताल डॉ विनोद कुमार , डॉ गौतम कुमार , डॉक्टर सत्य प्रकाश, डॉक्टर अशोक राम , डॉक्टर नितेश ,डॉ दीप्ति वाला , डॉ सुनील कुमार सिंह , डॉक्टर सरवर आलम एवं आईएमए अध्यक्ष डॉ एस पी सिंह, सचिव डॉ स्वराज, डॉक्टर महालक्ष्मी प्रसाद, डॉ विशाल ,डॉक्टर सुधीर आर्य, डॉक्टर सांत्वना शरण, डॉ अनुपम सिंह ,डॉक्टर आजम ,डॉक्टर सविता वर्मा, डॉक्टर दिनेश कुमार, डॉ दिलीप कुमार ,डॉक्टर चेतन चतुर्वेदी, डॉ अजय मिश्रा एवं अन्य ने विरोध स्वरूप काला बिल्ला लगाकर अपना-अपना कार्य संपादित किया।