रांची। राज्य के मुख्य सचिव डीके तिवारी ने उद्योग विभाग को कहा है कि वह ऐसे इनोवेटिव आइडिया के साथ आगे बढ़े, जिससे आम जन को फायदा हो। उन्होंने उद्योग विभाग द्वारा दिए जा रहे विभिन्न ट्रेडों के प्रशिक्षण को लेकर कहा कि आम जन को केंद्र में रखें, इससे योजनाएं जनहित का रूप लेंगी। उन्होंने कहा कि किसी भी योजना के लिए होने वाला कार्य के माध्यम से मात्र वेतन, भत्ता, कार्यालय व्यय, मानदेय आदि में व्यय करना ही पर्याप्त नहीं है, उस योजना से उसके उद्देश्य की प्राप्ति भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मूल उद्देश्य तथा उपलब्धि अथवा परफार्मेंस का पैमाना यह होना चाहिए कि उस योजना या प्रशिक्षण से कितने लोगों के लिए आय के स्रोत सृजित हुए। कितने स्वरोजगार शुरू हुए। कितने लोगों को नौकरी मिली। यही प्रत्येक योजना के मूल्यांकन का आधार हो। तिवारी मंगलवार को झारखंड मंत्रालय में उद्योग विभाग की चल रही योजनाओं और आगामी कार्ययोजना की समीक्षा कर में बोल रहे थे।
कार्य के हित में बोर्ड-निगमों रखें और लाभकारी बनाएं
मुख्य सचिव ने निर्देश दिया है कि उद्योग विभाग कार्य के हित में बोर्ड-निगमों रखें और लाभकारी बनाएं। आवश्यकता हो तो एक दूसरे में समाहित कर उसे लाभकारी बनाए। उन्होंने बोर्ड-निगमों से आम लोगों को मिलने वाले लाभ का आकलन करने का निर्देश दिया।
हर प्रखंड व जिले में हर योजना जरूरी नहीं
मुख्य सचिव ने कहा है कि हर योजना को हर प्रखंड और जिले में लागू करने की जगह यह तय करें कि वह कहां ज्यादा लाभदायक साबित हो सकता है। इसका आधार क्षेत्र विशेष में सुलभ कच्चा माल, श्रम शक्ति और बाजार आदि हो सकते हैं। उन्होंने प्लास्टिक पार्क पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया।
अनावश्यक बैंक अकाउंट बंद करेः खंडेलवाल
योजना सह वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव के के खंडेलवाल ने बैंकों से फर्जी निकासी की बढ़ती घटनाओं पर रोकथाम के लिए निर्देश दिया है कि सभी विभाग अपने अनावश्यक बैंक अकाउंट को बंद करें, जो जरूरी अकाउंट हैं उनकी लगातार मॉनिटरिंग करें। उन्होंने कहा कि साइबर ठगी से बचने के लिए एहतियाती कदम उठाए गए हैं, लेकिन सतर्कता जरूरी है।