गिरिडीह। कोल इंडिया लिमिटेड (सीसीएल) प्रशासन ने शनिवार को भूमिगत आग की जद में आए गिरिडीह के बनियाडीह क्षेत्र में डोजरिंग की और झाड़ियों को हटाया। इसके बावजूद वनियाडीह सीसीएल क्षेत्र के 7 से 8 किलोमीटर का दायरे में भूमिगत आग का खतरा मंडरा रहा है।
बनियाडीह क्षेत्र के कई इलाके इन दिनों भूमिगत आग की चपेट में हैं। भदूआ पहाड़ी खदान के बाद शुक्रवार को महुआपथारी इलाके में भूमिगत आग के कारण धुंआ एवं आग की लपटों ने इलाके के लोगो की चिंता बड़ा दी है। हालांकि, लोगों की सूचना पर पहुंची अग्निशमन विभाग की टीम ने आग पर काबू पा लिया। बताया गया है कि स्थानीय लोग जब धुंआ निकलने वाले स्थान पर पहुंचे तो देखा कि जमीन के भीतर से आग की बड़ी-बड़ी लपटें ही उठ रही हैं। लोगों को समझते देर न लगी कि पूरा इलाका भूमिगत आग की चपेट में है। लिहाजा, लोगों ने स्थानीय प्रशासन को तुरन्त सूचित किया।
जानकार बताते हैं कि वैसे महुआपतारी और भदूआ खादान के इलाके में जमीन के आग उगलने की घटना कोई नई नहीं है। क्योंकि, तीन दिन पहले ही बनियाडीह के भदुआपहाड़ी इलाके में भूमिगत आग की लपटों के साथ धुंआ निकलते देखा गया। स्थानीय लोगों को इस बात की चिंता सता रही है कि अगर प्रतिदिन की कोयला चोरी को नहीं रोका गया तो भूमिगत आग का खतरा आसपास के सात से आठ किमी के क्षेत्र में तेजी से फैल सकता है।
बताया गया है कि महुआ पथारी से थोड़ी दूर पर सीसीएल का मेगजिन स्टोर है जहां विस्फोटक पदार्थ स्टोर किये जाते हैं। साथ ही इन इलाकों में एक बड़ी आबादी बसी हुई है। जानकारों के मुताबिक लगातार हो रहे कोयला चोरी के परिणाम स्वरूप ऐसा हो रहा है जो आम जनजीवन के लिए शुभ संकेत नहीं है। महुपतारी इलाके में जिस प्रकार आग की लपटें जमीन के भीतर से निकल रही थी वह नजारा लोगों के लिए भयावह था।
जेएमएम के जिला प्रमुख संजय सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी ने इस समस्या को गंभीरता से लिया है। सीसीएल के जीएम एवं बनियाडीह गिरिडीह कोलियरी के प्रोजेक्ट ओफिसर को पत्राचार कर यथाशीघ्र जानमाल की सुरक्षा को लेकर आवश्यक उपाय करने का आग्रह किया गया हैा