खूँटी । जिले के कई देहाती क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना का कारनामा सामने आने लगी है। जिसकी हकीकत पर अपनी स्थिति को लोग बताने लगे हैं। जिसमें प्रधानमंत्री आवास नहीं मिलने और घर की कमी के कारण आज एक गरीब परिवार में पति पत्नी के बीच प्रेम में खटास ला दिया है।
यह मामला मुरहू के गोड़ाटोली गांव का है। जहाँ रोहित नायक और उसकी पत्नी दुलारी देवी अपने दो नन्हे नन्हे बच्चों के साथ जर्जर मकान में रहने को विवश हो गए हैं। टूटी हुई दिवाल के उपर खपड़ा तो है । पर नीचे प्लास्टिक जोड़कर पानी चूने और गंदा गिरने से बचाया जाता है। न घर के अंदर कीवाड़ है और न ही खिड़की। कच्चे जमीन पर डर-डर कर रात बिताना। और दिन में निकल जाना। और घर के जर्जर स्थिति और असुविधा के कारण और परिवार में कलह उत्पन्न हो गया है। एक तो पति घर से बाहर रहकर गाड़ी चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करता है। वहीं पत्नी दो बच्चों के साथ जर्जर मकान में रहती है।
गोड़ाटोली की दुलारी देवी 2011 ई से लगातार प्रधानमंत्री आवास के लिए आवेदन दी। पर सभी ठंढा बस्ता में डाल दिया जाता रहा। दुलारी देवी के पति रोहित नायक ने बताया कि उसकी पत्नी दुलारी देवी प्रधानमंत्री आवास पाने के लिए तीन चार बार फार्म भर आवेदन दे चुकी है। पर 10 वर्ष बीत जाने के बाद भी वह गरीब लाचार परिवार को प्रधानमंत्री आवास नहीं मिल पाया है।
देश के प्रधानमंत्री जी के द्वारा सभी के पक्का मकान की योजना तो अच्छी निकाली गयी। पर सही लाभुकों तक इसका लाभ कर्मचारियों के क्रियाकलाप के कारण पहुंच नहीं सका। और अनेक लोगों को अभी भी प्रधानमंत्री आवास नहीं मिल पाया जा सका है। इसपर मुरहू प्रखण्ड के प्रमुख सुबोध कुमार मांझी ने बताया कि वीएलडब्ल्यू द्वारा ही प्रधानमंत्री आवास के सही लाभुकों को दिये जाने पर इसकी जाँच की जाती है। और सुयोग्य को दिया जाता है । तथा अयोग्य को नहीं । इसका मतलब जिसको चाहे वह अयोग्य और जिसको चाहे योग्य बनाने का काम वीएलडब्ल्यू ही करते हैं।
लेकिन जो भी हो आज ऐसे लोगों के कारण भ्रष्टाचार और सही लाभुकों को प्रधानमंत्री आवास नहीं देकर योजना को फेल कर दिया जा रहा है।