रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रविवार को स्वतंत्रता दिवस पर मोरहाबादी मैदान में आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने तथा ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने की पहल की गई है। इस कार्य में मनरेगा योजना अहम भूमिका निभा रही है। विगत वर्ष हमारी सरकार ने मनरेगा एवं अन्य योजनाओं के अभिसरण के माध्यम से चार महत्वपूर्ण योजनाओं यथा- ’बिरसा हरित ग्राम योजना’, ’नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना, ’वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना’ तथा ’दीदी बाड़ी योजना’ का शुभारम्भ किया गया था।
सीएम ने कहा कि राज्य के छोटे एवं सीमान्त किसानों को राहत पहुँचाने के लिए झारखण्ड राज्य कृषि ऋण माफी योजना लागू की गई है। इस योजना अन्तर्गत कुल 750 करोड़ रुपये की राशि 1,82,561 (एक लाख बयासी हजार पाचं सौ एकसठ) कृषकों के ऋण खाते में ट्रांसफर की गई है। बिरसा किसान के रूप में राज्य के किसानों को एक नई पहचान मिली है। 9 अगस्त को ’विश्व आदिवासी दिवस’ के अवसर पर किसानों के लिए 734 करोड़ रूपये की योजनाओं की शुरूआत की गई है। राज्यभर के 02 लाख किसानों को 587 करोड़ रूपये का ऋण स्वीकृत किया गया है। पशुधन योजना के तहत् राज्य के 62 हजार किसानों को कुल 147 करोड़ रूपये अनुदान के रूप में उपलब्ध कराया जायेगा।
श्री सोरेन ने कहा कि इस वर्ष नई योजना के रूप में समेकित बिरसा ग्राम विकास योजना-सह-कृषक पाठशाला की शुरूआत की जा रही है। प्रथम चरण में प्रत्येक जिले में एक कृषि फार्म को समेकित रूप से कृषि के विभिन्न आयामों जैसे-उन्नत कृषि तकनीक, उद्यानिक फसलों की खेती, पशुपालन, मत्स्य पालन, सिंचाई की उन्नत व्यवस्था विकसित करते हुए कृषक पाठशाला के रूप में विकसित किया जायेगा। कृषक पाठशाला में स्थानीय किसानों की क्षमता का विकास करते हुए उन्हें कृषि क्षेत्र, पशुपालन क्षेत्र, मत्स्य पालन, सूकर पालन इत्यादि में दक्ष एवं रोजगारोन्मुखी बनाकर उनकी आय में बढ़ोत्तरी की जायेगी। कृषि उत्पादों के बेहतर भण्डारण एवं विपणन के उद्देश्य से झारखण्ड के विभिन्न जिलों में 5000 मीट्रिक टन क्षमता के माॅडल शीतगृह का निर्माण कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना हमारे सरकार की प्राथमिकता है। शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने तथा राज्य में शिक्षा-व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु राज्य सरकार द्वारा 80 उत्कृष्ट विद्यालय (School of Excellence) तथा 325 प्रखण्ड स्तरीय लीडर स्कूल के साथ-साथ 4091 पंचायत स्तरीय आदर्श विद्यालय की परिकल्पना की गयी है। प्रथम फेज में लगभग 290 करोड़ की लागत से जिला स्तर पर 80 विद्यालयों को स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करने हेतु कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। इन विद्यालयों में सभी आवश्यक मूलभूत संरचना यथा – बेहतर वर्गकक्ष, प्रयोगशाला कक्ष, संसाधनों से भरपूर पुस्तकालय, स्टेम लैब, विद्यार्थियों के लिये खेलकूद की व्यवस्था को शामिल किया गया है। सरकारी स्कूलों में आधुनिक शिक्षा हेतु 974 विद्यालयों में आई.सी.टी. लैब स्थापित की गई है, जिससे इन विद्यालयों में कम्प्यूटर शिक्षा की बेहतर पढ़ाई हो सकेगी। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा किये गये प्रयासों के फलस्वरूप वर्तमान में सकल नामांकन अनुपात बढ़कर 20.9 हो गया है। सकल नामांकन अनुपात दर में वृद्धि के उदेश्य से झारखण्ड खुला विश्वविद्यालय एवं झारखण्ड जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना की कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने कहा कि झारखण्ड में स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु पलामू, दुमका एवं हजारीबाग में मेडिकल काॅलेज का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है तथा इन नव-निर्मित मेडिकल काॅलेजों के लिए 500 बेड अस्पताल का निर्माण कार्य प्रगति पर है। कोडरमा एवं चाईबासा में मेडिकल काॅलेज का निर्माण एवं सदर अस्पताल का उन्नयन कार्य प्रगति पर है। सदर अस्पताल, राँची में 200 बेड मातृ एवं शिशु सेवा केन्द्र तथा अन्य 300 बेड वाले वार्ड ब्लाॅक का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है एवं अस्पताल का परिचालन प्रारम्भ हो चुका है।
सीएम ने कहा कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर के बारे में बार-बार आगाह किया जा रहा है। कोरोना महामारी की वर्तमान परिस्थिति का मूल्यांकन कर राज्य सरकार द्वारा पाबंदियों में छूट जरूर दिये गये हैं ताकि राज्य में जीवन के साथ जीविका भी सुरक्षित रहे। परन्तु हमें यह भी ध्यान रखना है कि कोरोना महामारी का खतरा अभी टला नहीं है। मैं, राज्यवासियों से यह अपील करता हूँ कि कोरोना महामारी के प्रति बिल्कुल भी लापरवाही न बरतें, कोरोना गाईडलाईन्स का पालन करें। मास्क जरूर पहनें और ’दो गज दूरी’ मानदण्ड का पालन करें। राज्य में टीकाकरण का कार्य भी तीव्र गति से जारी है। राज्यवासियों को टीकाकरण में कोई परेशानी न हो, यह सुनिश्चित किया जा रहा है। सभी राज्यवासी यथाशीघ्र अपना और अपने परिजनों का टीकाकरण करा लें। खुद भी सुरक्षित रहें और दूसरों को भी सुरक्षित रहने में मदद करें।
इसके पूर्व मुख्यमंत्री करीब 8.55 बजे मोरहाबादी मैदान पहुंचे और परेड की सलामी ली।
मौके पर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, डीजीपी नीरज सिन्हा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, विनय चौबे समेत कई पदाधिकारी मौजूद थे।