बरकट्ठा संवाददाता। बरकट्ठा प्रखंड क्षेत्र के शिलाड़ीह पंचायत अंतर्गत जंबुआ ग्राम जो कि एक मुस्लिम बहुल क्षेत्र है यहां के लोगों में गजब की जोश और जुनून है और एक दूसरे को मदद करने की भावना रखते हैं। यहां के अधिकांश लोग कृषि कार्य और बाहर में रहकर अपना रोजगार चलाते हैं ।
इस ग्राम में एक नन्हीं बच्ची 8 वर्षीय सादिया परवीन माता मदीना खातून पिता मुमताज अंसारी हैं। यह पूर्ण रूप से दोनों पैर से विकलांग है। यह बच्ची तीसरा क्लास में पढ़ाई करती है। यह परिवार काफी गरीब होने के बावजूद इन्होंने अपने बच्चे का इलाज हजारीबाग डॉक्टर भानु शंकर के यहां 6 माह तक लगातार किया गया था, किंतु उनके पैरों में कुछ भी सुधार नहीं हुआ। यह बच्ची की भोलेपन और मासूमियत से कहती है कि मैं पढ़ाई जारी रखना चाहती हूं, किंतु मुझे स्कूल आने जाने में काफी समस्या होती है। इनकी मां मदीना खातून ने कहा कि हमारे तीन बच्चे हैं जिसमें दो लड़का और एक लड़की है।
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यह लड़की के विकलांग होने से मैं काफी चिंतित हूं, क्योंकि अभी इसका सही से इलाज हो जाता तो शायद इसका पैर में सुधार हो जाता, जिससे इनका शादी ब्याह करने में मुझे दिक्कत नहीं होती। किंतु मेरे पास पैसे का अभाव है। हम एक गरीब परिवार से बिलॉन्ग करते हैं। इनका इलाज कराने में इतना खर्च हम कहां से कर पाएंगे। इसलिए हम सरकार से यह मांग करते हैं कि मेरी बेटी का इलाज करा दें, तथा फिलहाल 1 व्हीलचेयर दिला दे । भारत सरकार नारा देती है बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ , लेकिन इस स्थिति में हमारे बेटी कैसे पढ़ाई करेगी। वहीं शिलाडीह पंचायत की भावी मुखिया प्रत्याशी हसमत अली ने कहा कि इस बच्ची का विकलांगता सर्टिफिकेट तत्काल बनना चाहिए।जिससे सरकारी लाभ इन्हें मिल सके।फिलहाल मैं सरकार से इस बच्ची के लिए व्हीलचेयर का मांग करता हूं। तथा अन्य सरकारी सुविधा मिलना बहुत ही जरूरी है।