खूँटी (स्वदेश टुडे)। सेवा या ईश्वर भक्ति करने के लिए स्वस्थ्य शरीर व मन का होना जरूरी होता है। जीवन सांसों का खेल है। इसलिए साँस को नित्य प्राणायाम करके सामान्य रखा जा सकता है। ये बातें प्रख्यात समाजसेवी और उद्योगपति रोशनलाल शर्मा ने कही। महर्षि मेंहीं आश्रम, शांतिपुरी मुरहू में रविवार को आयोजित विशेष सत्संग में मुख्य अतिथि के रूप में रोशनलाल शर्मा ने कहा कि प्राणायाम या योगाभ्यास से शरीर में स्फूर्ति और उमंग बनी रहती है। शर्मा ने प्राणायाम की कई विधाएं भी बताई। आश्रम के स्वामी लक्ष्मण जी महाराज ने कहा कि मानव का शरीर भक्ति करने के लिए ही मिला है। ईश्वर व सद्गुरु की भक्ति से जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है। जीवन जीने की सही पद्धति सत्संग में बताई जाती है। योगासन से शरीर और ध्यानाभ्यास से आत्मा को दुरुस्त रखा जाता है। गुरु मंत्र का जाप सभी संकटों से हमें छुटकारा दिलाता है । मौके पर डॉ डीएन तिवारी, संजय कुमार, ब्रह्मचारी मुरलीधर, संदीप, लोकनाथ मुंडा, सगुन दास, रामहरि प्रसाद, जूरन पूर्ति, रमेश वर्मा, कृष्णा साव आदि उपस्थित थे।