15 नवंबर से पूर्व पारा शिक्षकों की नियमावली लागू नहीं की गई तो तो इस सरकार को भी मोरहाबादी पार्ट टू के मंज़र का सामना करना पड़ेगा।
ईचागढ़। मंगलवार को एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ईचागढ़ प्रखंड इकाई के पदाधिकारियों की एक बैठक स्थानीय गौरांगकोचा स्थित बीआरसी परिसर में आयोजित की गई.
बैठक में मोर्चा के प्रदेश मीडिया प्रभारी कुणाल दास विशेष रूप से मौजूद थे. इस दौरान पदाधिकारियों ने पारा शिक्षकों के स्थायीकरण और वेतनमान के मुद्दे पर सरकार की वादाखिलाफी पर चर्चा की.
सभी ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि अगर 15 नवंबर से पूर्व सरकार पारा शिक्षकों की सेवा शर्त नियमावली लागू करते हुए झारखंड के 65000 पारा शिक्षकों का स्थायीकरण नहीं करती है तो 15 नवंबर को झारखंड स्थापना दिवस के दिन राज्य भर के पारा शिक्षक रांची के मोरहाबादी मैदान कूच करेंगे, साथ हीं वहां अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठेंगे.
प्रदेश मीडिया प्रभारी दास ने प्रखंड पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार के चुनाव पूर्व और चुनाव बाद के चरित्र में विपरीत अंतर आया है. जहां चुनाव पूर्व मुख्यमंत्री हर चुनावी सभाओं में पारा शिक्षकों का दर्द बयां करते थकते नहीं थे, आज़ कुर्सी मिलने के बाद मानो सांप सूंघ गया है. वहीं अभी मुख्यमंत्री पारा शिक्षकों का जिक्र तक नहीं करते जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है.
उन्होंने शिक्षा मंत्री पर भी बरसते हुए कहा कि शिक्षा मंत्री लगातार टालमटोल और बहानेबाजी कर रहे हैं. सरकार को मीडिया के माध्यम से उन्होंने अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर 15 नवंबर से पूर्व पारा शिक्षकों की नियमावली लागू नहीं की गई तो तो इस सरकार को भी मोरहाबादी पार्ट टू के मंज़र का सामना करना पड़ेगा.
रांची की सरजमीं पर एक बार फिर पारा शिक्षकों का रौद्र तांडव का नजारा देखने को मिल सकता है. बैठक में प्रखंड अध्यक्ष विनय कुमार उरांव, रवीन्द्र नाथ महतो, सेनापति महतो,परेश हांसदा,उज्जवल कुमार दास,परेश महतो, सोनाराम महतो, प्रफुल्ल चंद्र महतो, कालीचरण मांझी मनसाराम लायक आदि मौजूद थे.