रांची। महात्मा गांधी के कथन ‘पृथ्वी प्रत्येक मनुष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त साधन प्रदान करती है, लेकिन प्रत्येक मनुष्य के लालच को पूरा करने के लिए नहीं ‘ को उद्धृत करते हुए वेबिनार के प्रथम वक्ता के रूप में बोलते हुए झारखंड अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (ज्रेडा), झारखण्ड के इलेक्ट्रिकल एक्सक्यूटिव इंजीनियर अतीलेश गौतम ने कहा कि हर साल 14 दिसंबर को देश भर के भारतीय राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाते हैं। 2001 में, भारत के ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) ने ऊर्जा संरक्षण अधिनियम लागू किया था । ऊर्जा दक्षता ब्यूरो भारत सरकार के भीतर एक संवैधानिक इकोई है जो ऊर्जा-बचत नीतियों और कार्यक्रमों के निर्माण में सहायता करती है। अतीलेश ने आगे बताया कि झारखंड अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (ज्रेडा), झारखण्ड राज्य की प्रधान एजेंसी है, जो 19 फरवरी 2001 को पंजीकृत सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 21, 1860 के तहत एक स्वायत्त निकाय है, जो नवीन एवं अक्षय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए वित्तीय प्रोत्साहनों के माध्यम से अक्षय ऊर्जा एवं ऊर्जा दक्षता परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए राज्य नामित एजेंसी (एसडीए) है।
वेबिनार की परिचर्चा की शुरुआत करते हुए पत्र सूचना कार्यालय एवं प्रादेशिक लोक संपर्क ब्यूरो , रांची के अपर महानिदेशक अरिमर्दन सिंह ने कहा कि ऊर्जा संरक्षण का प्रयास करना हर एक जागरूक नागरिक की जिम्मेदारी है। जीवन के हर क्षेत्र में ऊर्जा की आवश्यकता है, जबकि ऊर्जा के कई संसाधन सीमित मात्रा में हैं। ऊर्जा संरक्षण और ऊर्जा नवीकरण से ही भविष्य में होने वाले ऊर्जा संकट से बचा जा सकता है। प्लस टू जिला स्कूल दुमका के प्रभारी प्राचार्य सत्येंद्र कुमार सिंह ने कहा कि यह अच्छी बात है कि वैज्ञानिक समाज ऊर्जा संरक्षण के विभिन्न प्रयासों पर लगातार काम कर रहा है लेकिन एक जागरूक और जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हमारी भी जिम्मेदारी बनती है कि हम ऊर्जा का समझ बूझ कर और काम चलाने लायक ही उपयोग करें। वेबिनार में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए श्री माता वैष्णो देवी यूनिवर्सिटी, कटरा, जम्मू एवं कश्मीर के स्कूल ऑफ एनर्जी मैनेजमेंट के अध्यक्ष डॉक्टर विनीत वीर त्यागी जी ने कहा कि ऊर्जा संरक्षण का सीधा संबंध पर्यावरण संरक्षण से है। ऊर्जा के कई स्रोत पर्यावरण हनन का कारण बनते हैं। अगर हम ऊर्जा संरक्षण पर बल दें तो पर्यावरण पर ऊर्जा उत्पादन से होने वाले नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है। ऊर्जा संरक्षण के उपायों पर विस्तृत चर्चा करते हुए डॉक्टर विनीत त्यागी ने कहा कि सौर ऊर्जा को एक विकल्प के तौर पर उपयोग करना भविष्य के लिए लाभकारी हो सकता है। सौर ऊर्जा के द्वारा खाना बनाने से लेकर पानी गर्म करने तक जैसे विभिन्न नए उपकरणों के बारे में चर्चा करते हुए डॉक्टर त्यागी ने कहा कि हम लोग लगातार प्रयासरत हैं कि गैर पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के उपयोग को बढ़ाया जाए और उनके लिए ऐसे उपकरण बनाया जाएं जिन्हें आसानी से प्रयोग करने के साथ-साथ वे बाजार में किफायती दर पर भी उपलब्ध हों। वेबिनार की अध्यक्षता पत्र सूचना कार्यालय एवं प्रादेशिक लोक संपर्क ब्यूरो , रांची के अपर महानिदेशक अरिमर्दन सिंह ने किया जबकि संचालन क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी शाहिद रहमान ने किया।
कार्यक्रम में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के विभिन्न इकाइयों के अधिकारियों/कर्मचारियों के अलावा कॉलेज और स्कूल के शिक्षक छात्र एवं अभिभावकों और आम लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। वेबीनार के प्रतिभागियों ने ऊर्जा संरक्षण पर ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता में भी भाग लिया तथा वेबीनार के प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट भी दिया गया।