मुख्यमंत्री कोरोना वायरस को लेकर एहतियात के तौर पर की कई घोषणाएं
रांची। विश्वव्यापी कोरोना वायरस से उत्पन्न महामारी पर अंकुश लगाने को लेकर झारखंड सरकार ने 17 मार्च से 14 अप्रैल तक राज्य के सभी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय,कोचिंग सेंटर, मल्टीप्लैक्स, सिनेमा हॉल, म्यूजियम, बायोडायवर्सिटी पार्क, स्वीमिंग पुल और पार्क को बंद रखने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को विधानसभा में कोविड-19 से बचने को लेकर राज्य सरकार द्वारा उठाये गये एहतियाती कदम के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
विधानसभा में भोजनावकाश के बाद अनुदान मांग पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष से यह भी आग्रह किया कि बजट सत्र के दौरान 17 मार्च से सदन के चलने तक दर्शक दीर्घा को बंद रखा जाए। उन्होंने बताया कि रांची समेत सभी प्रमंडलों में आईसोलेशन वार्ड की स्थापना की जाएगी और कोरोना वायरस जांच के लिए सेंटर बनाएं जाएंगे। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने बताया कि जमशेदपुर में एमजीएम अस्पताल में कोरोना टेस्ट सेंटर ने काम करना प्रारंभ कर दिया है और राज्य के सभी प्रमंडलों में ऐसे सेंटर की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिलों और प्रखंड मुख्यालयों में भी विशेष नजर रखी जा रही है। देश के कई राज्यों में राज्य के लोग काम करने जाते है, ऐसे लोगों के वापस लौटने पर उनके स्वास्थ्य जांच का निर्देश दिया गया है। राज्य के 300 चिकित्सकों और पारा मेडिकल कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार यह भी तय करेगी कि प्रतिष्ठित संस्थानों को बंद रखने के दौरान वहां काम करने वाले लोगां के वेतन में कोई कमी या कटौती न हो, इस संबंध में श्रम नियोजन विभाग को सारी गतिवधियों पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है। साथ ही 15 दिनों के अंदर वेतन और मानदेय भुगतान का निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि नामकुम में कोरोना जांच पर नजर रखने के लिए मुख्य केंद्र की स्थापना की गयी है। इसके अलावा जेल जाने वाले नये कैदियों को पहले अलग स्थान पर रखा जाएगा और जांच के बाद ही उन्हें अन्य कैदियों के साथ जेल में रखने की व्यवस्था होगी। इसके अलावा सभी छात्रावासों को बंद करने का निर्देश दिया गया है, लेकिन वैसे गरीब छात्र जो अपने घर जाने में असमर्थ है, उन्हें छात्रावास में ही रहने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन उनके स्वास्थ्य पर भी विशेष नजर रखी जाएगी। हेमंत सोरेन ने कहा कि मौजूदा परिस्थिति के कारण रोजगार का संकट भी उत्पन्न होने की आशंका है, ऐसी स्थिति में सभी गांवों खाद्यान्न वितरण केंद्र की स्थापना की जाएगी, जहां जरूरतमंदों के लिए अनाज की व्यवस्था की जाएगी।
कोरोना वायरस को लेकर 30 मार्च तक डॉक्टरों और पारा मेडिकल कर्मियों के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी और रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड में हेल्प डेस्क स्थापित किये जा रहे है, टिकट काटने के दौरान यात्रियों के मोबाइल नंबर भी लेने का निर्देश दिया गया है ताकि बाद में उनसे संपर्क किया जा सके। उन्होंने बताया कि विदेशों से लौटे 400 लोगों के स्वास्थ्य की निगरानी की जा रही है जिसमें से 175 लोगों में कोरोना वायरस का कोई लक्षण नहीं पाया गया है और उन्हें छुट्टी दे दी गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी का रूप लेकर देश-प्रदेश में पहुंचा है, इससे बचाव के लिए सरकार पूरी तरह से गंभीर है और सारी स्थितियों पर नजर बनाये रखेंगे। सभी जिलों के उपायुक्तों को आईसोलेशन सेंटर बनाकर स्थिति पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है और यदि कोई व्यक्ति स्वास्थ्य जांच से इंकार करता है, तो पूर्व के कानून के मुताबिक उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
हेमंत सोरेन ने कहा कि धार्मिक स्थलों में उमड़ने वाली भीड़ को लेकर क्या निर्णय लिया जाए, इस पर फैसला लेने के लिए सभी से सुझाव आमंत्रित है, लेकिन राज्य सरकार यह अपील करती है कि भीड़ वाले स्थानों पर जाने से लोग बचे।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में प्रश्नोत्तरकाल के दौरान भी इस संबंध में जानकारी दी थी कि वे विधानसभा परिसर में ही वरीय अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा करेंगे और इस निर्णय के आलोक में मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव डी.के. तिवारी, स्वास्थ्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी और अन्य वरीय अधिकारियों के साथ बैठक की और इसके बाद ही सदन में आकर यह घोषणा की।