रांची। राज्य के अधिवक्ता 19 से 25 अप्रैल तक अदालत की कार्यवाही में शामिल नहीं होंगे। वर्चुअल और फिजिकल किसी कोर्ट में अधिवक्ता शामिल नहीं होंगे। झारखंड राज्य बार काउंसिल की जेनरल बॉडी की रविवार को हुई बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया। बार काउंसिल ने सभी जिलों के बार संघों और एडवोकेट एसोसिएशन को इस संबंध में पत्र भेज दिया है। सभी से इसका पालन करन को कहा है। काउंसिल के आदेश का पालन नहीं करने वालों पर नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
बार काउंसिल की रविवार को हुई आपात बैठक में कहा गया कि राज्य में कोरोना संक्रमण चरम पर है। कई वकील, उनके परिजन और अधिवक्ता, लिपिक संक्रमित हो चुके हैं। अस्पतालों में व्यवस्था ध्वस्त हो गयी है। समुचित इलाज नहीं हो रहा है। ऐसे में वकीलों को बच कर रहना जरूरी है।
उल्लेखनीय है कि एसोसिएशन ने इससे पूर्व हाईकोर्ट से 15 दिनों तक अदालतों की सुनवाई स्थगित करने का आग्रह किया गया था। लेकिन इस पर चीफ जस्टिस ने कोई निर्णय नहीं लिया। बार काउंसिल के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्णा ने अदालतों की सुनवाई स्थगित करने के मामले में सभी जिलों के बार संघों से राय मांगी थी। सभी ने इसका समर्थन किया था और सुनवाई बंद करने का आग्रह किया था। रविवार को जेनरल बॉडी की बैठक कर 25 अप्रैल तक अदालती कार्यवाही में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया गया है।