रांची। राजधानी रांची के तुपुदाना थाना क्षेत्र के गोटिया गांव में एक नाबालिग लड़की को घर से भगाकर ले जाने का मामला सामने आया है। नालंदा बिहार से पूरी प्लानिंग के साथ उसका आशिक कार लेकर लड़की को ले जाने आया था। जानकारी के मुताबिक नालंदा के कतरी सराय थाना क्षेत्र निवासी चंदन कुमार भाड़े की कार (एचआर एइ 5446) से अपनी प्रेमिका को लेने घुटिया गांव पहुंचा।
बताया गया कि नाबालिग को कार में बैठाकर निकल ही रहा था कि इसी बीच उसकी मां की नजर पड़ी। नाबालिग की मां ने इसका विरोध किया तो चंदन कार के ड्राइवर के सहयोग से प्रेमिका की मां को भी जबरन कार में बैठा लिया। फिर तेजी से बालसरिंग रिंग रोड की ओर भागा। बालसरिंग में प्रेमिका की मां को कार से उतार दिया और आगे बढ़ गया। घटना शुक्रवार की है।
इसी बीच पीछे से आ रहे परिजनों ने एसएसपी को इसकी सूचना दी। एसएसपी के निर्देश पर रिंग रोड में लगे सीसीटीवी कैमरे से कार का नंबर निकाला गया। वहीं, ओरमांझी थाना पुलिस रिंग रोड वैरिकेडिंग पर वाहनों की जांच पड़ताल शुरू कर दी। कुछ समय बाद ही एक कार आते दिखा। कार को रोककर जब तलाशी ली गई तो प्रेमी-जोड़ा पकड़ा गया। तब तक पीछे से तुपुदाना पुलिस भी मौके पर पहुंची। प्रेमी-जोड़े को हिरासत में लेकर थाने पहुंची। कार को जब्त कर लिया गया। नाबालिग को उसके परिजनों के हवाले कर दिया गया। वहीं, नाबालिग के परिजनों के बयान पर आरोपित चंदन और कार ड्राइवर रंजन कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
पुलिस के गिरफ्तार करने पर प्रेमी खुद को शादी शुदा होने का दावा कर रहा था। उसने पुलिस को बताया कि दिल्ली में बालाजी मंदिर में दोनों शादी कर चुके हैं। लड़की नाबालिग है इस कारण कोर्ट में शादी नहीं की। बता दें कि इससे पहले भी दो बार नाबालिग को भगा ले गया था। इस मामले में नालंदा के कतरी सराय थाने में चंदन के खिलाफ अपहरण का केस भी दर्ज है। गिरफ्तारी के बाद रांची पुलिस ने इसकी सूचना नालंदा पुलिस को दे दी है। नालंदा से पुलिस टीम के पहुंचने की सूचना है।
पुलिस को चंदन ने बताया कि 2017 में चचरे भाई की शादी में लड़की से मुलाकात हुई थी। दोनों ने एक दूसरे का मोबाइल नंबर लिया। फिर बातचीत होने लगी। लड़की के परिजनों को जब इसकी भनक लगी तो उसे दिल्ली स्थित अपने पिता के पास भेज दिया गया। लेकिन लड़के ने पीछा नहीं छोड़ा। दोनों छुपछुप कर मोबाइल से बात किया करते थे। छह दिसंबर 2020 को चंदन दिल्ली पहुंचा और पिता के घर से नाबालिग को भगा कर बालाजी मंदिर ले गया। वहां दोनों शादी की। काफी प्रयास के बाद परिजनों ने नाबालिग को ढूंढ़ा। फिर नाबालिग को दिल्ली से रांची अपने मां के पास भेज दिया था।