खूँटी। भगवान बिरसा मुण्डा के जन्मभूमि प्रखण्ड क्षेत्र में संचालित अस्पताल बंद हो जाने से हजारों गरीब जनजातीय परिवार स्वास्थ्य सुविधा से वंचित हो गए हैं। खूँटी जिले के अड़की प्रखण्ड स्थित कल्याण विभाग का दीपक फाउंडेशन द्वारा संचालित अस्पताल आज से बंद हो गया। पैसे के अभाव में फाउंडेशन ने चिकित्सकों और कर्मियों को नोटिस देकर बैठा दिया है।
भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली अड़की प्रखंड केंद्र में संचालित सुदूरवर्ती जंगली इलाकों के गरीब जनजातीय लोगों का इलाज करता आ रहा इकलौते अस्पताल आज से ताला लग गया। उक्त अस्पताल के चिकित्सक डॉ आरपी जगनानी ने बताया कि झारखण्ड सरकार द्वारा उक्त अस्पताल के लिए राशि मुहैया नहीं करायी। संस्था द्वारा सरकार के साथ कई माह से बिना एमओयू का ही संचालन करता आ रहा है। लेकिन अब अत्यधिक खर्च कर दिये जाने के बाद भी कल्याण विभाग इसपर ध्यान नहीं दिया । नतीजा यह निकला कि सुदूरवर्ती गरीब जनजातीय ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा से उपेक्षित होना पड़ गया।
इस अस्पताल के संचालन से गरीब ग्रामीणों का बहुत ही आशा रहता था। उस अस्पताल में 10-15 किमी से भी अधिक दूरी के सुविधाविहीन गाँवों से भी मरीज इलाज कराने आते थे। लेकिन आज यह अस्पताल बंद होने से उनकी आशा में पानी फिर गया है। और अब उन्हें 40 से 50 किलोमीटर दूरी तय करके इलाज के लिए खूंटी आना पड़ेगा। इसपर गाँववाले भी कार्यवाही करने के लिए उपायुक्त तक गये थे। परन्तु सांत्वना मिला था वह भी हवा हो गया। और आज से चिकित्साविहिन भवन मात्र रह गया है। इससे गरीब असहाय आदिवासियों का कार्यप्रणाली से भरोसा टूटता जा रहा है।
जिला कल्याण पदाधिकारी संजय भगत ने बताया कि दीपक फाउंडेशन द्वारा संचालित कल्याण अस्पताल अड़की का सरकार के विभाग के द्वारा राशि उपलब्ध नहीं कराया जा सका था, यही कारण है कि दीपक फाउंडेशन ने अपने कर्मियों और चिकित्सकों को छुट्टी दे दी। लेकिन यहां से कार्यवाही करने के लिए लेटर भेजा जा चुका है। एक दो दिनों में उन्हें फिर से चालू करने के लिए दीपक फाउंडेशन को पत्र मिल जाएगा। और उनका व्यय मद भी मिल जाएगा।