बरकट्ठा| इस कोरोना महामारी में बरकट्ठा जैसे बड़े आबादी वाले प्रखण्ड में इलाज के नाम पर बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। स्वास्थ्य व्यवस्थाओ को लेकर हर जगह कोशिश हो रही है। कई सामाजिक राजनीतिक संगठन बढ़चढ़कर भाग ले रहे है लेकिन नतीजा कुछ भी नही निकल रहा। कोरोना काल में जरूरतमंदों को ऑक्सीजन व अन्य आवश्यक दवाइयों सुविधाओ को लेकर न तो स्थानीय प्रशासन सवेंदनशील है न ही अस्पताल प्रबंधन। वहीं चिकित्सा प्रभारी ने बरकट्ठा सामुदायिक अस्पताल को लेकर कोई गंभीर प्रयास अब तक नही किये है| प्रभारी दो दिन बाद अस्पताल लौटे है। बीते दिनों बरकट्ठा विधायक अमित कुमार यादव ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया गया और हालात व कम संसाधनों को देखकर चिंता जाहिर की|
साथ ही, जनहित में हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया| उपायुक्त हजारीबाग व सिविल सर्जन से तालमेल कर बरकट्ठा में 25 बेड के कोविड अस्पताल की व्यवस्था की बात कही। लेकिन अब तक कोई व्यवस्था बरकट्ठा सामुदायिक अस्पताल में नहीं पहुंची| दूसरी ओर समाजसेवी केदार साव ने भी सीएचसी का निरीक्षण किया, तश्वीरें खिंचाई, उपायुक्त, उप विकास आयुक्त व सीएस से मिलकर व्यवस्था दुरुस्त करवाने की बात कही लेकिन नतीजा कुछ नही निकला। अब तो सोशल मीडिया पर जनता सवालों की बौछार कर रही है। लोग कह रहे है कब सुधरेंगे सीएचसी के हालात, इधर कोरोना का संक्रमण बेकाबू हो रहा है। मरीज़ों को बेड नही मिल रहे है। हज़ारीबाग जाने के क्रम में लोग सीरियस हो जा रहे है। वहीं सामुदायिक अस्पताल की व्यवस्था सुधर जाने से लोगो को कुछ राहत मिलती है। सवेंदनशीलता धरातल में दिखनी चाहिए। वर्तमान समय मे स्वास्थ्य सेवा बहाल करना एक महत्वपूर्ण कड़ी है।