इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने ईरान और अफगानिस्तान सीमा पर बाड़ लगाने और सीपेक (चीन-पाक आर्थिक गलियारा ) परियोजना के वित्तीयन के लिए अपने सदाबहार दोस्त चीन से नौ अरब डॉलर का कर्ज मांगा है। यह जानकारी बुधवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।
समाचार पत्र डॉन के मुताबिक, सीपेक की संयुक्त सहयोग समिति की बैठक में दोनों पक्षों ने ग्वादर स्मार्ट सिटी मास्टर प्लान को मंजूरी दी और स्वास्थ्य और व्यापार के क्षेत्र में दो समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर भी किए। इतना ही चीनी के पैसे से बनी 392 किलोमीटर लंबी मुल्तान – सुक्कुर मोटर वे का भी उदघाटन किया गया।
संयुक्त सहयोग समिति की सह अध्यक्षता पाकिस्तान के योजना मंत्री मखदुम खुसरो बख्तियार और चीन की ओर से राष्ट्रीय विकास और सुधार आयोग के उपाध्यक्ष निंग झिझे ने की। बख्तियार ने कहा कि कई अरब डॉलर की अन्य परियोजनाओं की शुरुआत अगले छह महीने में होगी।
उन्होंने आगे कहा कि पकिस्तान सरकार ने रेलवे की सीमाओं के चलते एमएल1 कर्ज लेने का निर्णय भुगतान सुनिश्चित करने के लिए की है। बख्तियार ने कहा कि परियोजनाओं के लिए कर्ज लेने से ऋण बोझ और विकास दर पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि ये परियोजनाएं पांच से छह साल में पूरी होंगी और इस दौरान विकास दर भी बढ़ेगी।