वाशिंगटन। भारत और अमेरिका के बीच 18 दिसम्बर को होने वाली ‘टू प्लस टू’ मंत्री स्तरीय वार्ता में रक्षा और सामरिक संबंध और मतबूत होने की उम्मीद की जा रही है।
जानकार सूत्रों का कहना है कि भारत और अमेरिका के बीच इंडस्ट्रियल सिक्यूरिटी एनेक्स समझौता नहीं हो पाया है, जबकि इसका मसौदा तैयार है। उम्मीद की जा रही है कि इस दौरान दोनों देश इस पर समझौता करेंगे।
संबंधित रक्षा मसौदे के अंतर्गत अमेरिकी कंपनियों को रक्षा परियोजनाओं से जुड़ी भारतीय कंपनियों के साथ संवेदनशील डाटा, रक्षा संबंधी तकनीक आदि साझा करने का मौका मिलेगा। इसे दोनों देशों के सामरिक रिश्तों की नजर से महत्वपूर्ण करार दिया जा रहा है।
इस टू प्लस टू मंत्री स्तरीय वार्ता में भारत से भाग लेने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर 17 दिसम्बर को नई दिल्ली से वाशिंगटन पहुंच रहे हैं। अमेरिकी पक्ष की ओर से रक्षा मंत्री मार्क एस्पर और विदेश मंत्री माइक पोंपियो भाग लेंगे। यह वार्ता दिन भर चलने की उम्मीद लगाई जा रही है। बैठक में आतंकवाद सहित पाकिस्तान, अफगानिस्तान और चीन के साथ परस्पर संबंधों की दृष्टि से भी बातचीत होने की उम्मीद है।
विदेश विभाग में दक्षिण और मध्य एशिया मामलों की प्रभारी सहायक सचिव एलिस वेल्ल्स ने कहा है कि इस समझौते से रक्षा क्षेत्र में कार्य कर रही निजी क्षेत्र की कंपनियों को भारतीय कंपनियों के साथ नए-नए उपक्रमों में परस्पर सहयोग करने का मौका मिलेगा। एलिस अमरीकी थिंक टैंक के सौजन्य से अटलांटिक काउंसिल की बुधवार को हुई एक विचार गोष्ठी में विचार व्यक्त कर रही थीं।
विदित हो कि भारत ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के अंतर्गत लड़ाकू विमान बनाने के लिए बोईंग और लोकहिड मार्टिन जैसी बड़ी अमेरिकी कंपनियों की साझेदारी का लाभ उठा सकता है। भारतीय वायु सेना ने अपने पुराने मिंग 21 विमानों के बदले में नए विमान लेने का प्रस्ताव किया है।