पटना। कोरोना वायरस के बीच लोगों का अपने घर जाना ही घातक साबित हो रहा है। बिहार में प्रवासी मजदूरों के आने के बाद कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है।
4 दिनों में बिहार में 400 पॉजिटिव केस
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पिछले चार दिनों में बिहार में 400 से ज्यादा पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार की ओर से जारी आंकडों के अुनसार अन्य राज्यों से विशेष ट्रेनों से आए प्रवासी मजदूरों में से 8337 नमूनों की जांच की गई है, जिसमें 651 पॉजिटिव पाए गए हैं। इसका अनुपात देखें तो बिहार पहुंचने वाला करीब हर चौथा शख्स कोरोना पॉजिटिव मिल रहा है।
दिल्ली से बिहार जाने वालों में कोरोना
दिल्ली से आए लोगों में से 1362 लोगों के नमूने लिए गए, जिसमें से 835 लोगों के नमूनों की जांच की गई। इसमें 218 लोग पॉजिटिव पाए गए, जो 26 प्रतिशत है। ऐसी ही स्थिति पश्चिम बंगाल से आने वाले मजदूरों की भी है। विभाग द्वारा सोमवार को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, पश्चिम बंगाल से आने वाले 12 प्रतिशत प्रवासी मजदूर पॉजिटिव पाए गए, जबकि महाराष्ट्र से आने वाले प्रवासी मजदूरों में 11 प्रतिशत मजदूर पॉजिटिव पाए गए।
हरियाणा से भी काफी संक्रमित बिहार पहुंचे
इसके अलावा हरियाणा से लौटने वाले मजदूरों में से नौ प्रतिशत लोग पॉजिटिव पाए गए। इधर, अभी बिहार में मजदूरों के आने का सिलसिला जारी है। परिवहन नोडल पदाधिकारी और परिवहन विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने बताया, ‘अगले 8 दिनों के लिए अग्रिम योजना बनायी गई है यानी 26 मई तक 505 ट्रेनें आएंगी। राज्य के नोडल पदाधिकारी संपर्क में हैं, जो लोगों को बिहार लाने के लिए विभिन्न राज्यों से संपर्क बनाए हुए हैं। उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, गुजरात आदि राज्यों से लोग आ रहे हैं। साथ ही दक्षिण भारत से भी लोग आ रहे हैं।’
8 लाख प्रवासी बिहार पहुंच सकते हैं
अब तक लगभग साढ़े चार लाख प्रवासी मजदूरों की घर वापसी हो चुकी है। लेकिन उनमें से मात्र 8337 के नमूमों की जांच में 651 पॉजिटिव पाए गये हैं। टेस्टिंग की रफ्तार बढ़ने के साथ संक्रमित मरीजों की संख्या में भी तेजी से इजाफा होगा। 18 राज्यों से ट्रेनों के कार्यक्रम बनाए गए हैं इससे 8 लाख अतिरिक्त लोग आने की संभावना है।