नई दिल्ली। भाजपा ने साल 2016 के नवंबर महीने में देश की राजधानी दिल्ली प्रदेश की कमान मनोज तिवारी को सौंपी थी। उस वक्त हर कोई हैरान था पार्टी के इस फैसले पर लेकिन पार्टी का निशाना दिल्ली की सत्ता पर थी। लेकिन बीते विधानसभा चुनावों में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा। सांसद मनोज तिवारी को अब इस पद से हटा दिया गया है।
उत्तर पूर्वी दिल्ली के यमुना विहार में निगम के स्कूलों में सीसीटीवी कैमरा लगवाने के कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। मनोज तिवारी उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद है और उस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे। इसी कार्यक्रम के दौरान मंच से इस महिला टीचर की ओर से गाना गाने का अनुरोध करना उनको बहुत नागवार गुजरा। मनोज तिवारी ने टीचर को फटकार लगाते हुए मंच से उतर जाने का फरमान सुना डाला। दरअसल मंच पर स्वागत के बाद तिवारी को जब संबोधन के लिए बुलाया गया, तो टीचर ने तिवारी से अपने अंदाज में कुछ गाने की फरमाइश कर डाली। ये सुनते ही तिवारी तमतमा गए। महिला टीचर के इस अनुरोध से नाराज मनोज तिवारी ने कहा, ‘आपको क्या ऐसा कहना चाहिए. मैं कोई नौटंकी कर रहा हूं. यहां मजाक नहीं हो रहा. आप सांसद को बोलोगे, गाना गाओ. ये तमीज है आपकी, ये गाने का प्रोग्राम है क्या। दो करोड़ रुपये के सीसीटीवी लग रहे हैं और आप कह रहे हैं कि गाना गाओ।’
ये विवाद काफी बढ़ गया था और उस टीचर के समर्थन में लोग आगे आ गए थे। दरअसल, मनोज तिवारी जहां भी जाते हैं तो लोग उनसे गाने की फऱमाइशें कर देते हैं और तिवारी कभी भी मना भी नहीं करते। उनकी यही छवि भी है। उनको आज भी लोग नेता कम और अभिनेता ज्यादा समझते हैं इसीलिए चुनाव कहीं का भी हो उनको स्टार प्रचारक के रूप में शामिल किया जाता है।
सोशल डिस्टेंसिंग विवाद
कुछ ही दिनों पहले मनोज तिवारी हरियाणा के सोनीपत मैच खेलने चले गए थे। उन पर कोरोना वायरस लॉकडाउन तोड़ने का आरोप लगा था। लॉकडाउन और हरियाणा बॉर्डर सील होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता मनोज तिवारी सोनीपत पहुंचे थे, जिसे कार्यक्रम में मनोज तिवारी शामिल हुए वहां सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ीं और तिवारी ने खुद भी मास्क नहीं पहना हुआ था। वहां वह एक क्रिकेट मैच के लिए गए थे। इस दौरान वहां काफी लोगों की भीड़ जमा हुई, जिसकी मनाही है। वीडियो में तिवारी वहां बिना मास्क लगाए दिखाई देते हैं। इसके साथ ही लोग भी वहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे थे। वहां भीड़ के सामने मनोज तिवारी ने क्रिकेट खेला (जिसका वीडियो उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर है) फिर लोगों के सामने बिना मास्क लगाए गाने भी गाए। इसके बाद नौबत यहां तक आ गई थी कि मनोज तिवारी को सफाई तक देनी पड़ गई थी।
मनोज तिवारी के विवादित बयान
लोकसभा चुनावों के दौरान दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने अमेठी में विवादास्पद बयान दिया था। मनोज ने कांग्रेस पर गौ-हत्या करने का आरोप लगाया था। अमेठी के तिलोई इलाके में स्मृति ईरानी के लिए चुनाव प्रचार करने पहुंचे मनोज तिवारी ने कहा था कि जो लड़ने वाले हैं वह कहीं और गए हैं, क्योंकि पता है यहां कुछ नहीं होगा और जहां लड़ने गए हैं उस वायनाड के बारे में आप लोग जानते हैं। मनोज तिवारी ने कहा, ‘यह वही वायनाड है जहां कांग्रेस के लोगों ने वीडियो बनाकर हमारी गौ माता का। इसके आगे बोल नहीं सकता। आपने देखा होगा केरल में वीडियो बनाकर गौ हत्या हुई थी।
दिल्ली चुनाव और हनुमान जी विवाद
बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने अरविंद केजरीवाल के हनुमान मंदिर जाने को लेकर विवादित बयान दिया था। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि वे पूजा करने गए थे या हनुमान जी को अशुद्ध करने गए थे? तिवारी ने कहा था एक हाथ से जूता उतारा, उसी हाथ से माला लेकर…क्या कर दिया? जब नकली भक्त आते हैं न तो यही होता है। मैंने पंडित जी को बताया, बहुत बार हनुमान जी को धोए हैं। मनोज तिवारी के इस बयान से दिल्ली की सियासत में बड़ा उलटफेर लाया था। इस विवाद के बाद अरविंद केजरीवाल ने हनुमान चालीसा भी सुनाई थी। मनोज तिवारी इस विवाद को लेकर बैकफुट में आ गए थे।
छत्तीसगढ़ में विवादित बयान
11 नवंबर, 2018 को छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर जिले के कलाकेंद्र मैदान में आयोजित भाजपा की एक सभा में मनोज तिवारी ने कांग्रेस, सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि सोनिया गांधी ने कभी छठ पूजा नहीं की। छठ पूजा करने से बुद्धिमान और देशभक्त बच्चे पैदा होते हैं। लेकिन उनको पता नहीं था या वो भूल गए थे उनकी पार्टी के ही तमाम नेताओं के यहां छठ पूजा नहीं होता। इस बयान का असर ये हुआ कि लोग सोशल मीडिया में कहने लगे कि क्या पीएम मोदी और अमित शाह के घर छठ पूजा होती है।
जेएनयू और दीपिका विवाद में कूदे मनोज तिवारी
बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के जवाहर नेहरु विश्वविद्यालय जाने के बाद छिड़े विवाद छिड़ गया था। मनोज ने दीपिका के जेएनयू जाने के सवाल पर कहा है कि उन्हें स्पष्ठ करना चाहिए कि वह वहां किसका समर्थन करने गई थी। वह कहते हैं कि बेशक दीपिका जेएनयू गई थी मगर इसका मतलब यह नहीं है कि वह देशद्रोही हैं। वह कहते हैं कि उनकी फिल्म छपाक का बहिष्कार नहीं होना चाहिए। वह एक देशभक्त सुपरस्टार हैं उन्हें कोई गुमराह कर रहा हैं।