खूंटी। छोटानागपुर की पुरानी रियासत जरियागढ़ के लगभग दो सौ वर्षों के इतिहास में यह पहली बार होगा कि भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और माता सुभद्रा की रथयात्रा नहीं निकलेगी। कोरोना वायरस को लेकर जारी लाॅक डाउन के कारण प्रशासन ने इस ऐतिहासिक रथयात्रा पर रोक लगा दी है। मंगलवार को रथयात्रा तो नहीं निकलेगी पर पारंपरिक ढंग से भगवान जगन्नाथ सहित तीनों विग्रहों की पूजा-अर्चना की जायेगी और राजपरिवार के पुजारी तीनों विग्रहों को मदन मोहन गुड़ी से मौसीबाड़ी लेकर जायेंगे। इस संबंध में राजपरिवार के सदस्य लाल विजय नाथ शाहदेव ने बताया कि जरियागढ़ में लगभग दो सौ साल पहले रथयात्रा की शुरूआत ठाकुर देवेंद्र नाथ शाहदेव ने की थी। उनके द्वारा शुरू की गयी रथयात्रा अब तक कभी नहीं रूकी। इस साल कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए सरकार ने रथयात्रा निकालने की अनुमति नहीं दी है।
तोरपा सहित अन्य जगहों पर भी नहीं होगा सामूहिक आयोजन
लाॅक डाउन के कारण खूंटी जिले में अन्य जगहों से निकलने वाली रथयात्रा भी इस बार नहीं निकलेगी। तोरपा, तपकारा, कर्रा, झपरा, सिलाफारी में भी मंगलवार को भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की रथयात्रा नहीं निकाली जायेगी। सभी जगहों पर तीनों विग्रहों की पूजा-अर्चना की जायेगी। इन स्थानों में भी कोई सार्वजनिक आयोजन नहीं होगा। तोरपा के जगन्नाथ मंदिर में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पूजा-अर्चना की जायेगी। इस बार मेला लगाने की भी अनुमति प्रशासन ने नहीं दी है। खूंटी स्थित सीआरपीएफ 94 बटालियन में भी रथयात्रा के दिन सिर्फ पूजा-अर्चना कर प्रसाद वितरण किया जायेगा।
दो सौ साल के इतिहास में पहली बार जरियागढ़ में नहीं निकलेगी महाप्रभु की रथयात्रा
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