भारत के स्मार्टफोन बाजार में चीन की कंपनियों का लंबे समय से राज रहा है। लेकिन अब रिलायंस इंडस्ट्रीज के जियो प्लेटफॉर्म और दिग्गज अमेरिकी टेक कंपनी गूगल की साझेदारी के बाद इस बाजार से चीन का कब्जा खत्म हो सकता है। गूगल ने पिछले हफ्ते जियो में 4.5 अरब डॉलर (करीब 33 हजार 600 करोड़ रुपए) का निवेश करने की घोषणा की है।
इस रकम के कुछ हिस्से का उपयोग जियो बेहद सस्ता स्मार्टफोन बनाने में करेगा। इससे जियो और गूगल देश के उस बाजार पर कब्जा कर सकते हैं, जिसमें लोगों ने अभी तक स्मार्टफोन का उपयोग नहीं किया है। ऐसे लोगों की संख्या 50 करोड़ से ज्यादा है।
करीब 17% बाजार सैमसंग के पास
रिसर्च फर्म कैनालिस के मुताबिक, अप्रैल-जून तिमाही में भारत में बिके स्मार्टफोन में चीन की कंपनियों की हिस्सेदारी 75% से ज्यादा रही। दक्षिण कोरिया की सैमसंग की हिस्सेदारी करीब 17% रही। आईडीसी की सीनियर रिसर्च मैनेजर किरणजीत कौर ने कहा कि ऐसे में जियो और गूगल का सस्ता स्मार्टफोन चीन की स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों के लिए खतरे की घंटी होगी।
चीन विरोधी भावनाओं का भी जियो-गूगल के स्मार्टफोन को फायदा मिलेगा
जियो और गूगल के स्मार्टफोन को भारत में चीन विरोधी भावनाओं का भी फायदा मिलेगा। भारत-चीन सीमा पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने टिकटॉक समेत चीन के 59 ऐप को भारत में बैन कर दिया है। इस बीच भारत के आम लोगों के बीच से भी चीन के उत्पादों का बायकॉट करने की आवाज उठी है।
50 करोड़ लोगों के हाथ में अब तक स्मार्टफोन नहीं आया है
काउंटरपॉइंट रिसर्च के मुताबिक, भारत के करीब 45 करोड़ लोगों के पास स्मार्टफोन है। करीब 50 करोड़ लोगों के हाथ में अब तक स्मार्टफोन नहीं आया है। गूगल और जियो ऐसे लोगों के लिए बेहद सस्ता स्मार्टफोन उपलब्ध कराना चाहते हैं।
जियो-गूगल को 4000 रुपए से कम कीमत का स्मार्टफोन बनाना होगा
जियो की पैरेंट कंपनी रिलायंस इंडस्ट्र्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने हाल में कंपनी के एक कार्यक्रम में कहा था कि गूगल के साथ साझेदारी का एक प्रमुख मकसद बेहद सस्ते स्मार्टफोन बनाना है। काउंटरपॉइंट रिसर्च और आईडीसी के एनालिस्ट्स के मुताबिक, स्मार्टफोन के दायरे से बाहर रह रहे लोगों के हाथ में स्मार्टफोन पहुंचाने के लिए जियो-गूगल को 4000 रुपए से कम कीमत वाले स्मार्टफोन बनाने होंगे। यह थोड़ा मुश्किल होगा।