इस्लामाबाद। जम्मू एवं कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर उसे दो केंद्र शासित राज्यों में बांटने के बाद से पाकिस्तान बौखला गया है । पड़ोसी की बौखलाहट इस बात से भी बढ़ गई है कि मुस्लिम देश भी इस मुद्दे पर उसका साथ नहीं दे रहे हैं।
अभी हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात(यूएई) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने देश के सर्वोच्च सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ जायद’ से नवाज़ा। इससे पाकिस्तान और बौखला गया । पहले पाकिस्तानी सीनेट ने यूएई का विरोध करने की बात कही, लेकिन कुछ ही घंटों बाद विदेश मंत्री ने पाकिस्तानी सरकार का रुख बदल दिया।
विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने रविवार शाम संवाददाताओं से कहा, कोई भी देश किसी भी देश के साथ संबंध रख सकता है, हम उसमें कुछ नहीं कर सकते हैं। अगर यूएई या बहरीन, भारत से संबंध बनाते हैं तो यह उनका फैसला है, क्योंकि उन देशों के व्यापारिक संबंध हैं। विदेश नीति में धार्मिक मसले काम नहीं आते हैं।
दरअसल, पाकिस्तान को लगता है कि जम्मू-कश्मीर में जो हो रहा है उसपर दुनिया को उसका साथ देना चाहिए. खासकर मुस्लिम देशों को उसके साथ खड़ा होना चाहिए और भारत की आलोचना करनी चाहिए। लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी को ‘ऑर्डर ऑफ जायद’ से नवाजे जाने के बाद अब पाकिस्तान यूएई के सामने जम्मू-कश्मीर के मसले को उठाएगा। पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी जल्द ही यूएई के विदेश मंत्री से मुलाकात करेंगे।
विदित हो कि नरेंद्र मोदी को जब यूएई के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से यह सम्मान मिला तो पाकिस्तान सीनेट के चेयरमैन सादिक संजरानी ने अपना वहां का दौरा रद्द कर दिया। यह दौरा पीएम मोदी को सम्मान दिए जाने के विरोध में रद्द किया गया। उनका कहना है कि अगर वह यूएई जाएंगे तो कश्मीर के लोगों को दुख पहुंचेगा। उन्होंने यह भी कहा कि वह जल्द ही यूएई जाएंगे और वहां के विदेश मंत्री से मुलाकात करेंगे और जम्मू-कश्मीर के हालात के बारे में बताएंगे, हालांकि, यूएई पहले ही अनुच्छेद 370 के मसले को भारत का आंतरिक मामला बता चुका है।