केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ धरने पर बैठे एक किसान संगठन के यहां पटरियों पर से हटने से इनकार करने पर रेलवे ने मंगलवार को अमृतसर जाने वाली ट्रेनों का मार्ग बदल दिया. रेलवे ने सोमवार को अपनी सेवाएं बहाल की थी. उससे पहले पिछले सप्ताह करीब 30 किसान संगठनों ने यात्री ट्रेनों को लेकर की गई अपनी नाकेबंदी 15 दिनों के लिए हटाने पर सहमति व्यक्त की थी. हालांकि यहां किसान मजदूर संघर्ष समिति के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे किसानों ने रेलमार्ग पर से हटने से इनकार कर दिया.
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोमवार को इस कदम की आलोचना की. अमृतसर के उपायुक्त गुरप्रीत सिंह खैरा ने मंगलवार को बताया कि किसान संगठन ने यहां से करीब 25 किलोमीटर दूर जंडियाला रेलवे स्टेशन पर रेलमार्ग को बाधित कर रखा है. अधिकारियों के अनुसार इसके चलते, अमृतसर आने वाली कई ट्रेनों को मार्ग बदल कर तरणतारण भेजा गया है और कुछ ट्रेनों को तो मंगलवार की सुबह ब्यास रेलवे स्टेशन पर ही रोक दिया गया.
उनके अनुसार, यात्रियों को बसों एवं अन्य वाहनों से अमृतसर पहुंचाया गया। खैरा ने संवाददाताओं से कहा कि अधिकारियों ने किसानों को जाम हटाने के वास्ते राजी करने के लिए उनके प्रतिनिधियों के साथ कई बैठकें कीं लेकिन वे अपनी जिद पर अड़े हैं. उपायुक्त ने कहा कि राज्य सरकार का इन प्रदर्शनकारियों को रेलमार्ग पर से हटाने के लिए बल प्रयोग का कोई इरादा नहीं है. किसान मजदूर संघर्ष समिति ने कृषि कानूनों का मुद्दा हल होने तक अपने रुख में कोई बदलाव लाने से मना कर दिया है. सोमवार को मुख्यमंत्री ने कहा था कि किसानों द्वारा बाधा खड़ी करने से लोगों को बड़ी असुविधा होगी और राज्य पर उसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. उनका कहना था कि समिति पंजाब और पंजाब के हितों के विरूद्ध काम कर रही है.