नई दिल्ली। भारत की ओर से टीकों के निर्यात पर अस्थायी रोक लगाए जाने के बाद गरीब देशों को दूसरी डोज मिल पाएगी या नहीं इसकी चिंता सताई जा रही। भारत के ताजा फैसले से ओमोंडी की तरह दुनिया के करोड़ों गरीबों की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है।
5 करोड़ की आबादी वाली पूर्वी अफ्रीकी देश को कोवाक्स प्रोग्राम के तहत सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की ओर से उत्पादित कोविशील्ड के 10 लाख टीके मिले थे। लेकिन भारत की ओर से वैक्सीन की कमी होने पर निर्यात रोकने का मतलब है कि 30 लाख डोज की दूसरी खेप जो जून में मिलने वाली थी, वह शायद ना मिले।
केन्या के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ”यदि हमारे पास टीके होते तो हमने दूसरा फेज शुरू कर दिया होता, जमीन पर सच्चाई यह है कि हमारे पास टीके नहीं है, जब हमें इसकी उम्मीद थी। हमें आशा है कि जल्द ही भारत में स्थिति सामान्य होगी, लेकिन हम फाइजर और जॉनसन एंड जॉनसन से भी वैक्सीन हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।”
केन्या से घाना तक और बांग्लादेश से इंडोनेशिया तक गरीब देश कोवाक्स प्रोग्राम पर निर्भर। इन देशों के सामने अब टीकाकरण अभियान को रोकने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं है। कोवाक्स के सबसे बड़े निर्यातक SII ने मार्च में निर्यात को स्थगित कर दिया और भारतीय अधिकारियों को कहना है कि कम से कम अक्टूबर से पहले इसके दोबारा शुरू होने की संभावना नहीं है।