नई दिल्ली। कर्नाटक में एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार के दो साल पूरे होने का जश्न मनाया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ सूबे के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
इस्तीफे के पीछे की वजह अभी तक सामने नहीं आई है लेकिन ऐसा कहा जा रहा है कि येदियुरप्पा की उम्र भी इस्तीफे की एक बड़ी वजह है. येदियुरप्पा 78 वर्ष के हैं, ऐसे में पार्टी किसी दूसरे व्यक्ति को कर्नाटक की कमान सौंपना चाहती है.
केंद्रीय नेतृत्व ने कहा भी था कि आपकी उम्र 78 वर्ष है. स्वास्थ्य और अन्य कारणों को देखते हुए आपको इस्तीफा देना चाहिए. आप जिन्हें चाहते हैं, उनका नाम सुझाएं, जो भी आपकी जगह मुख्यमंत्री बनेगा, उसे नेतृत्व की जिम्मेदारी दी जाएगी. अगर जेपी नड्डा समेत दूसरे नेताओं के बयानों पर भी गौर करें तो यही लगता है कि राज्य में येदियुरप्पा सरकार की परफॉर्मेंस बड़ा मुद्दा नहीं है.
दावा किया जा रहा था जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी, तभी इस्तीफे की पटकथा लिखी जा चुकी थी. पहले से ही कयास लगाए जा रहे थे कि अब वे अपने पद पर नहीं बनें रहेंगे. मुलाकात के ठीक बाद उन्होंने कहा था कि वे पार्टी के सबसे सच्चे सिपाही हैं, पार्टी नेतृत्व के कहने पर इस्तीफा दे देंगे. आज सोमवार को उन्हें इस्तीफा देना पड़ा.
कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर बासवराज बोम्मई, प्रह्लाद जोशी और विश्वेश्वरा हेगड़े कगेरी का नाम सबसे आगे चल रहा है. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कर्नाटक प्रभारी अरुण सिंह बातचीत भी की और हालात की चर्चा की. जल्द ही अगले सीएम के चुनाव के लिए ऑब्जर्वर के नाम का ऐलान किया जा सकता है. ऐसा माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री कोई भी बने, सीएम येदियुरप्पा की सहमति उसके लिए जरूरी होगी.
येदियुरप्पा के सहमति से ही कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री का चुनाव किया जाएगा. लिंगायतों के दिग्गज नेता के तौर पर जाने वाले येदियुरप्पा एक बार बीजेपी से नाराज होकर दूसरी पार्टी भी बना चुके हैं. ऐसे में बीजेपी ने पहले उन्हें भरोसे में लिया, फिर इस्तीफा पर चर्चा हुई. माना जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व ने बीएस येदिुयुरप्पा की कई शर्तों पर मुहर भी लगाई है. यह भी कहा जा रहा कि अगर येदियुरप्पा को नाराज किया जाता है तो वे बगावत कर सकते हैं. लिंगायत वोटों का छटकना बीजेपी के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है.