– मुख्यमंत्री ने सभी जीते-हारे उम्मीदवारों को जनता से जुड़े रहने का दिया संदेश
गुरुग्राम। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) किसी भी सूरत में हरियाणा विधानसभा 2019 के चुनावों की हार को पचा नहीं पा रही है। हारकर भी बेशक गठबंधन की सरकार भाजपा बना चुकी है, लेकिन हार की टीस अभी पार्टी के भीतर खत्म नहीं हुई है। यहां हार के कारण खोजने को हो रही बैठक में आरएसएस के प्रदेश संघचालक की मौजूदगी में हारे और जीते उम्मीदवारों के साथ आगे जीत सुनिश्चित करने पर चर्चा हुई।
गुरुग्राम में शुक्रवार की देर रात तक चली बैठक में आरएसएस के प्रदेश संघचालक पवन जिंदल, मुख्यमंत्री मनोहर लाल, हरियाणा प्रभारी अनिल जैन, प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला समेत कई पदाधिकारी मौजूद रहे। सभी वरिष्ठ नेताओं ने अपने-अपने हिसाब से सवाल पटल पर रखे और उन पर चर्चा की गई।
चुनाव परिणामों की समीक्षा में आरएसएस के प्रदेश संघचालक पवन जिंदल ने सभी नेताओं को कार्यकर्ताओं की तरह जमीनी स्तर पर और अधिक मेहनत करने को कहा। इस चुनाव में कम सीटों को जेहन में रखकर इनको दोगुने में कैसे बदला जाए, इस पर उन्होंने टिप्स दिए। पवन जिंदल ने कहा कि चाहे हारे उम्मीदवार हों या जीते हुए, सभी को जनता के बीच रहना होगा। अगर आगे सफलता चाहिए तो ऐसा करना जरूरी है और करना ही होगा।
अनिल जैन की ओर से चुनाव में बीजेपी की हार का कारण मतदान का दिन सोमवार होना बताया गया। साथ ही दिल्ली व हिमाचल प्रदश में छुट्टी न होना भी। अनिल जैन ने इसे सीधे तौर पर हार का तो नाम नहीं दिया, लेकिन इसे मतदान प्रतिशत कम होना कहा। सामान्य तौर पर जब कहीं मतदान अधिक होता है तो भाजपा को अधिक फायदा होने का अनुमान लगाया जाता है और कम मतदान होने से भाजपा को नुकसान। हरियाणा में कम मतदान हुआ और वही अनुमान सही भी निकला और भाजपा को नुकसान हुआ।
अनिल जैन ने बैठक में यह भी कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल की जन आशीर्वाद यात्रा से जनता का भरपूर समर्थन मिला था। इसी की बदौलत भाजपा को हरियाणा में पहली बार किसी पार्टी ने बढ़े हुए मत प्रतिशत के साथ सरकार बनाई है। अब प्रदेश की जनता को साथ लेकर चलेंगे। कैसे प्रदेश में विकास कार्य करवाए और पहले से अच्छा काम करवाएं, इस पर काम करना है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा की 47 सीटें थीं, जबकि इस बार 40 सीटें आई हैं, लेकिन मतदाता प्रतिशतता ढाई फीसदी ही बढ़ा है। इसका मतलब है कि ज्यादा लोग भाजपा के साथ जुड़े हैं।