नई दिल्ली। भारत सरकार ने वैश्विक भुखमरी सूचकांक यानी ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2021 (Global Hunger Index) की रैंकिग पर आपत्ति दर्ज कराई है. भारत सरकार ने कहा है कि यह चौंकाने वाला है कि इस लिस्ट में भारत की रैंक इतने नीचे है. इतना ही नहीं सरकार ने इंडेक्स बनाते समय इस्तेमाल की जाने वाली कार्यप्रणाली को अवैज्ञानिक करार दिया है. उधर, विपक्षी पार्टियों ने ग्लोबल हंगर इंडेक्स को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.
दरअसल, ग्लोबल हंगर इंडेक्स की लिस्ट जारी की गई है. इसमें भारत की रैंक काफी चिंताजनक है. 116 देशों में से भारत का स्थान 101वां है. भारत उन 31 देशों में भी शामिल है जहां पर भुखमरी की समस्या काफी गंभीर मानी गई है. पिछले साल ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआई) की सूची में भारत का स्थान 94 था और पिछले साल 107 देशों की सूची जारी गई थी.
नेपाल-पाकिस्तान भारत से ऊपर
भारत अपने ज्यादातर पड़ोसी देशों से भी पीछे है. इस लिस्ट में पाकिस्तान की रैंक 92, नेपाल की रैंक 76 और बांग्लादेश की रैंक भी 76 है. भारत के पड़ोसी देश नेपाल (76), बांग्लादेश, म्यांमार (71) और पाकिस्तान (92) की भी स्थिति चिंताजनक बताई गई है. हालांकि रिपोर्ट के मुताबिक नागरिकों को खाना मुहैया कराने के मामले में भारत से उनकी स्थिति बेहतर है.
विपक्ष ने साधा सरकार पर निशाना
उधर, ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की रैंकिंग पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, सरकार ने भूख के मामले में नया रिकॉर्ड बनाया है. उन्होंने कहा, अगर देश के लोग ठीक से पेट नहीं भर सकते तो तो राजगद्दी पर बैठे शासक की विश्वसनीयता और दक्षता पर सवालिया निशान लग जाता है.
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि भूख को खत्म करने के यूपीए के प्रयासों, खासकर ‘भोजन का अधिकार’ अधिनियम को कमजोर कर दिया गया है और गरीबों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है. केंद्र सरकार को जल्द ही अपनी विफलता में सुधार करना होगा.