गिरिडीह। गिरिडीह जिले के 12 में से छह प्रखण्ड इन दिनों हाथियों के उत्पात से परेशान हैं। सरिया, बगोदर ,बिरनी ,डुमरी ,पिरटाड़ और सदर प्रखण्ड के कुछ भाग में जंगली हाथियों के आंतक ने ग्रामीणों की रातों की नींद उड़ा दी है। पिछले चार – छह महीनों के अंतराल में दस लोगों की जान हाथियों के कुचले जाने से चली गई है। गजराजों के दल ने किसानों के खेतों – खलिहानों और घरों में रखे अनाज को अपना निवाला बनाना शुरू किया है।
ग्रामीणो के घरों के अलावा इन हाथियों ने कई सरकारी स्कूल भवनों को भी क्षतिग्रस्त किया है। ताजा मामलों के अनुसार पिछले तीन दिनों में झुण्ड से बिछड़े गजराज ने तीन तीन प्रखण्डों में एक महिला समेत चार लोगों की जान ले ली है। अभी 15 अक्तूबर को डुमरी थाना क्षेत्र मे अरुण सिंह को और 16 अक्तूबर को पीरटाड़ थाना क्षेत्र की 50 वर्षीय मंझली सोरेन को हाथियों ने मार डाला।
इन दो घटनाओं के पहले 14 अक्टूबर को सरिया थाना क्षेत्र में एक ही परिवार के सिकंदर और रोहित रविदास को कुचल कर एक हाथी ने मार डाला। हाथियों के आंतक से ग्रामीण काफी भयभीत हैं। कई – कई दिनों तक ग्रामीण सामूहिक रतजगा कर अपने गावों को सुरक्षित रखने की कोशिश कर रहे हैं। बताया गया कि हाथियों के उत्पात से वन विभाग भी गंभीर है। हाल के महीनों में वन विभाग के विशेषज्ञ दल ने दो दफे हाथियों के झुंड को जंगल में खदेड़ने का काम किया है। इस बाबत सरिया – बगोदर के वन अधिकारी पुरुषोत्तम पाण्डेय ने कहा कि पिछले कई दिनों से अपने साथियों से बिछड़ा एक पागल हाथी इलाके में विचरण कर रहा है। वह मौका मिलते ही लोगों पर हमला कर देता है। वन अधिकारी ने ग्रामीणों से पटाखे फोड़कर और मशाल जलाकर हाथी को खदेड़ने की अपील की है।