खूँटी (स्वदेश टुडे)। नगर पंचायत क्षेत्र के जदुरा अखरा में आज आदिवासी-मूलवासी अस्तित्व रक्षा मंच, मुंडारी खूंटकटी परिषद, आदिवासी एकता मंच और ग्राम सभा की ओर से संयुक्त रूप से आमसभा का आयोजन किया गया। इस आमसभा में जिले के विभिन्न गांवों के ग्राम प्रधानों के अलावा बड़ी संख्या में प्रोपटी कार्ड के विरोध में ग्रामीण मौजूद थे। प्रोपटी कार्ड के लिए किए जाने वाले ड्रोन सर्वेक्षण के विरोध में हुई आमसभा में सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला ने कहा कि आदिवासी समुदाय के जंगल, जमीन, सामाजिक संस्कृतिक, आर्थिक आधार को संरक्षित व विकसित करने के लिए भारतीय संविधान में विशेष कानूनी प्रावधान किए गए हैं। सीएनटी, एसपीटी एक्ट व पेसा कानून में विशेष प्रावधान किया गया है। इसके अनुसार गांव के सीमा के भीतर एवं बाहर जो मिट्टी, बालू, झाड-जंगल, जमीन, नदी-झरना आदि प्राकृतिक संसाधन जो सभी गांव की सामुदायिक संपति है। इस पर क्षेत्र के ग्रामीणों का सामुदायिक अधिकार है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में लाया जा रहा स्वामित्व योजना जो आदिवासी समुदाय के जल, जंगल, जमीन के सामुदायिक अधिकार को खत्म करेगा। और सामाजिक, संस्कृतिक, आर्थिक तौर पर प्रतिकुल असर डालेगा। ग्रामीणों के सामुदायिक जमीन का मौद्रिकरण किया जाएगा, इससे ग्रामीण क्षेत्र के जमीन का व्यवसायीकरण को बढ़ावा दिया जाएगा। इस प्रकार से आदिवासी समाज का सुरक्षा कवच एसपीटी एक्ट स्वतः टुटने लगेगा, पेसा कानून में मिला अधिकार खत्म हो जाएगा, मुंडारी खूंटकटी खत्म हो जाएगा।
आंदोलनकारियों की मांग
आमसभा के बाद उपायुक्त के नाम एक मांग पत्र सौंपा गया। ग्राम प्रधानों ने खूंटी जिला में संपति कार्ड बनाने के लिए प्रस्थाति ड्रोन सर्वेक्षण को रोकने की मांग की है। इनके मांगों में केंद्र सरकार नई स्वामीत्व योजना, प्रोपटी कार्ड को धरातल पर लागू नहीं किया जाए। सीएनटी-एसपीटी एक्ट, मुंडारी खूंटकटी एवं पांचवीं अनुसूची में प्रावधान कानून को कड़ाई से लागू किया जाए। तीनों नए कृषि कानूनों को रद किया जाए। भूमि बैंक शामिल किए गए गैर मजरूआ आम, गैर मजरूआ खास जमीन को रद किया जाए। क्षेत्र के सभी जलस्त्रोतों, नदी-नाला का पानी इरिगेशन के तहत पाइप लाइन द्वारा किसानों के खेतों तक पहुंचाया जाए। ऑनलाइन जमीन दस्तावेजों का हो रहे छेड़छाड़ एवं जमीन का हेरा-फेरी बंद किया जाए। किसानों द्वारा लिया गया कृषि लोन माफ किया जाए और किसानों के खेतों से होकर “प्रस्तावित ‘भारत माला सड़क परियोजना को रद्द किया जाए।