खूँटी (स्वदेश टुडे)। पैन इंडिया भारत का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत डालसा द्वारा बिचना बाजार टांड़ में विधिक सहायता सह जागरुकता कार्यक्रम का अनुंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी ताबिंदा खान ने कहा कि विधि की गरिमा न्याय से है। उन्होंने कहा कि त्वरित और सस्ता न्याय दिलाना बहुत बड़ी चुनौती और समस्या है। उन्होंने कहा कि कई अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों की न्यायालय तक सुलभ पहुंच नहीं होने के कारण वे साामजिक अधिकारों से वंचित रह जाते हैं। रक्षात्मक प्रावधानों और प्रयासों के बावजूद आदिवासियों की स्थिति में मामूली सुधार आया है। अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी खान ने कहा कि न्यायालयों में हर दिन मुकदमों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसके कारण त्वरित और सस्ता न्याय दिलाना काफी चुनौतीपूर्ण हो गया है। उन्होंने कहा कि संपन्न लोग तो अपना अधिकार पा लेते हैं, पर अशिक्षित और गरीब लोगों को न्याय पाने में परेशानी होती है। उन्होंने बताया कि विधिय सहायता के अंतर्गत सरकारी खर्च पर वकील, कोर्ट फीस के लिए रकम, कागजात, गवाहों और अन्य खर्च देने का प्रावधान है। मौके पर अधिवक्ता मुकुल कुमार पाठक, ने महिलाओं के अधिकार और अधिवक्ता विजय कुमार दास ने डायन प्रथा और मोटर वाहन अधिनियम के बारे में जानकारी दी।