कानपुर। वैश्विक महामारी कोरोना के नये वैरिएंट ओमिक्रोन की दस्तक से भारतीयों के मन भी तनाव बढ़ा है। लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि यह वैरिएंट कितना घातक होगा, क्योंकि पिछले कोरोना काल की भयावता का मंजर अभी भूला नहीं जा सका है। ऐसे में अपने गणितीय मॉडल से कोरोना की अग्रिम जानकारी देने वाले कानपुर आईआईटी के प्रोफेसर पद्मश्री मणीन्द्र अग्रवाल ने बताया कि ओमिक्रोन डेल्टा की अपेक्षा तेजी से फैलेगा तो पर अधिक घातक नहीं होगा। इसके पीछे भारतीयों की नेचुरल इम्युनिटी सिस्टम काफी मजबूत मानी जा रही है।
कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट पर अध्ययन कर रहे कानपुर आईआईटी के प्रोफेसर पद्म श्री मणींद्र अग्रवाल ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका से जिस प्रकार के डाटा मिल रहे हैं उससे संभावना है कि वहां पर इसी माह के अंतिम सप्ताह तक ओमिक्रोन पीक पर रहेगा। दक्षिण अफ्रीका से मिले डाटा के अध्ययन से यह भी साफ है कि भारत में डेल्टा वैरिएंट की अपेक्षा ओमिक्रोन तेजी से पांव पसारेगा और फरवरी माह में यह पीक पर रहेगा। इससे पहले इसका प्रभाव जनवरी माह में भी पड़ेगा और कोरोना की तीसरी लहर आ जाएगी। हालांकि, अब तक के डाटा के आधार पर उन्होंने इसे ज्यादा खतरनाक नहीं माना। उन्होंने कहा कि ओमिक्रोन वैरिएंट पूर्व में आए डेल्टा वैरिएंट की अपेक्षा तेजी से फैल रहा है, लेकिन वह लोगों में विकसित हो चुकी नेचुरल इम्युनिटी सिस्टम को बाईपास नहीं कर सका है। इसके चलते कोरोना की दूसरी लहर की तरह इस बार लोगों को ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है।