खगोलविदों ने बताया कि 12 दिसंबर को इसे देखने के लिए सबसे अच्छा समय सूर्योदय से कुछ घंटे पहले का रहेगा। खगोलविदों का कहना है कि 14 दिसंबर के बाद से यह सूर्यास्त के बाद आसमान आकाश में दिखाई देगा। यह धूमकेतु भले ही 12 दिसंबर को पृथ्वी के सबसे करीब होगा लेकिन खगोलविदों का कहना है कि इसे देखने के लिए सबसे अच्छा समय 17 दिसंबर को होगा। इस दौरान लियोनार्ड धूमकेतु की चमक अपने शवाब पर होगी।
हरे रंग की पूंछ के साथ दिखाई देगा यह धूमकेतु
खगोलविदों का कहना है कि बाद में महीने में शाम को कुछ समय के लिए इस चमकीले हरे बर्फ के गोले को सूर्यास्त के बाद देखना संभव हो सकता है। इस दौरान इस धूमकेतु की हरे रंग की एक पूंछ भी दिखाई देगी। वैज्ञानिकों ने बताया कि इस बर्फीली चट्टान का आंतरिक भाग सूर्य के जितना करीब आता है, उतना ही गर्म होता है। इससे पहले यह नीली धूल, फिर पीले या सफेद और अंत में हरे रंग का उत्सर्जन करता है।
धरती के करीब टूट सकता है यह धूमकेतु
हरे रंग की पूंछ का मतलब यह धूमकेतु काफी गर्म है। इसमें बहुत सारे साइनाइड और डायटोमिक कार्बन हैं और इसके टूटने की संभावना भी उतनी ही ज्यादा है। क्रिसमस के दिन लियोनार्ड को सूर्यास्त के बाद दक्षिण-पश्चिम क्षितिज पर देखने का मौका मिल सकता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप दुनिया में कहां हैं। इस धूमकेतु के दिसंबर के अंत में सबसे अधिक चमकीला होने की उम्मीद है। लियोनार्ड धूमकेतु को खगोलविद ग्रेगरी जे लियोनार्ड ने 3 जनवरी को एरिजोना में माउंट लेमोन इन्फ्रारेड वेधशाला से खोजा था।