नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका में पैदा हुए कोरोना का नया ओमिक्रॉन वैरिएंट भारत, ब्रिटेन, ब्राजील और चीन समेत कई बड़े देशों में पहुंच चुका है. ओमिक्रॉन के 30 से ज्यादा म्यूटेशन इसके फैलने की रफ्तार को तेज कर रहे हैं. भारत जैसे घनी आबादी वाले देश के लिए एक्सपर्ट इसे बड़ा खतरा मान रहे हैं.
पुलियम ने कहा कि ओमिक्रॉन पहले संक्रमित हो चुके लोगों को भी अपनी चपेट में ले रहा है. इसका ट्रांसमिशन रेट पिछले सभी वैरिएंट से बहुत ज्यादा है. शुरुआती आंकड़े बताते हैं कि पूरी तरह से वैक्सीनेट हो चुके लोग भी नए वैरिएंट से नहीं बच पा रहे हैं.
ओमिक्रॉन से भारत में कितना खतरा?
पुलियम ने कहा कि ओमिक्रॉन इंफेक्शन के जो हालात पहले दक्षिण अफ्रीका में देखने को मिले थे, अब वो दुनियाभर के कई देशों में दिखने लगे हैं. एक्सपर्ट मानती हैं कि भारत में ओमिक्रॉन का संक्रमण बहुत ज्यादा तेजी से फैलेगा. भारत में डेल्टा वैरिएंट के कारण आई दूसरी लहर में भी बदतर हालात देखने को मिले थे.
क्या ओमिक्रॉन डेल्टा से ज्यादा संक्रमक है?
ओमिक्रॉन सब लीनेज BA.1 वैरिएंट दक्षिण अफ्रीका में बहुत ज्यादा हावी है. वायरस के कम्यूनिटी में फैलने की वजह से ऐसा हुआ है. शुरुआती जांच ये बताती है कि वायरस के इम्यूनिटी से बच निकलने की क्षमता और हायर ट्रांसमिसिबिलिटी (संक्रमण की तेज रफ्तार) इसके फैलने की असल वजह है.
कैसे होगा ओमिक्रॉन से मुकाबला?
एक्सपर्ट ने कहा, ‘ओमिक्रॉन इंफेक्शन से होने वाली गंभीरता के बारे में अभी हम बहुत ज्यादा नहीं जानते हैं. मुझे लगता है कि वैक्सीनेटेड और पहले संक्रमित हो चुके लोगों में इसके हल्के लक्षण देखे जा सकते हैं. हालांकि, खराब इम्यूनिटी वालों पर इसका असर पिछले वैरिएंट्स जैसा ही हो सकता है. इसलिए हॉस्पिटल प्लानिंग के मामले में हमें बदतर हालात से लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए.’
ओमिक्रॉन से लड़ पाएगा बूस्टर डोज?
ब्रिटेन से सामने आए कुछ साक्ष्य बताते हैं कि mRNA वैक्सीन (मुख्य रूप से फाइजर की वैक्सीन) का बूस्टर डोज लेने वालों का नए वैरिएंट के लक्षणों से कुछ हद तक बचाव देखा गया है.
ओमिक्रॉन से बच्चों को भी खतरा
पुलियम ने कहा, भारत में अभी तक बच्चों के लिए वैक्सीनेशन प्रोग्राम शुरू नहीं किया गया है. सुरक्षित रहने के लिए बच्चों को वैक्सीन लगवाना एक अच्छा आइडिया साबित हो सकता है. भारत अभी तक बूस्टर डोज या खराब इम्यून वालों को अतिरिक्त डोज देने पर भी फैसला नहीं कर पाया है. ये वायरस तेजी से फैल रहा है, इसलिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए इतना समय नहीं लगना चाहिए.