दुनियाभर में लगने लगे प्रतिबंध
– नीदरलैंड ने 14 जनवरी तक संपूर्ण लॉकडाउन लगा दिया है. वहां अब स्कूल, कॉलेज, म्यूज़ियम, पब, डिस्कोथेक और रेस्टोरेंट्स पूरी तरह बंद रहेंगे.
– वहीं, अमेरिका और ब्रिटेन की सरकारें क्रिसमस और नए साल पर भीड़ को देखते हुए आंशिक लॉकडाउन या प्रतिबंध लगा सकती हैं.
– ब्रिटेन में फिलहाल नाइट क्लब और पार्टियों में जाने से पहले वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट दिखाना अनिवार्य कर दिया है.
– इजरायल ने आज से अमेरिका, कनाडा और जर्मनी सहित 10 देशों को नो-फ्लाई लिस्ट में डालकर यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है.
– फ्रांस की बात करें तो यहां की सरकार ने क्रिसमस और नये साल पर आतिशबाजी पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है ताकि लोग इकट्ठे ना हो सकें.
– इसके अलावा आयरलैंड ने पब और बार में रात 8 बजे के बाद एंट्री बंद करने का आदेश जारी कर दिया है.
भारत की बात करें तो ओमिक्रॉन के मामले बढ़कर 161 हो चुके हैं और दिल्ली में पिछले 6 महीने में पहली बार एक दिन में 100 से ज़्यादा कोरोना केस सामने आए हैं. राज्य के हिसाब से देखें तो महाराष्ट्र- 54, दिल्ली-32, तेलंगाना- 20, राजस्थान-17, गुजरात- 13, केरल-11, कर्नाटक-8, उत्तर प्रदेश में 2 और तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और चंडीगढ़ में ओमिक्रॉन का एक- एक मामला सामने आया है.
लगातार चेता रहे एक्सपर्ट्स
एक्सपर्ट्स बार-बार तीसरी लहर की चेतावनी दे रहे हैं . पहली चेतावनी IIT कानपुर ने दी कि जनवरी और फरवरी में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है. दूसरी चेतावनी- नीति आयोग ने दी है कि अगर तीसरी लहर आई तो देश में रोज़ाना 14 लाख केस आ सकते हैं जो पूरी दुनिया में अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा साबित होगा. वहीं तीसरी चेतावनी- एस्ट्राज़ेनेका-कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाली ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डेम सारा गिल्बर्ट ने दी कि अगली महामारी और ज़्यादा घातक होगी. जब तक ओमिक्रॉन वैरिएंट के बारे में पूरी जानकारी नहीं मिलती तब तक हमें सतर्क रहना होगा.
ब्रिटेन में ओमिक्रॉन से हाल बेहाल
कोरोना की तीसरी लहर में ओमिक्रॉन की बड़ी भूमिका हो सकती है. सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पाए गए कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट ने ब्रिटेन में सबसे तेजी से फैलना शुरू कर दिया है. रविवार को ब्रिटेन में कोरोना के कुल 82,886 मामले सामने आए, जिसमें से 12,133 मामले सिर्फ ओमिक्रॉन के थे. अब तक देश में कुल 37,101 ओमिक्रॉन के मामले सामने आ चुके हैं. यहां के हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि यहां वास्तविक आंकड़ा बहुत अधिक हो सकता है.