नई दिल्ली। बांग्लादेश ने स्पष्ट किया है कि विदेशमंत्री अब्दुल मोमिन की शुक्रवार से शुरू हो रही अपनी भारतीय यात्रा को घरेलू कारणों से टाल दिया है तथा इसका भारतीय संसद में पारित नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 (कैब) से कोई संबंध नहीं है। मोमिन को राजधानी में शुक्रवार से आयोजित विदेश नीति संबंधित ‘दिल्ली संवाद’ में भाग लेने के लिए आना था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने गुरुवार को प्रेसवार्ता में बताया कि बांग्लादेश ने हमें जानकारी दी है कि घरेलू कारणों विशेषकर 16 दिसंबर को वहां आयोजित होने वाले विजय दिवस के कारण यात्रा को टाला गया है। बांग्लादेश ने संसद में गृहमंत्री अमित शाह के इस बयान का संज्ञान लिया है जिसमें उन्होंने धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए पड़ोसी देश के राष्ट्रपति बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की सराहना की थी। शाह ने वहां की मौजूदा शेख हसीना सरकार की ओर से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों की भी प्रशंसा की थी।
प्रवक्ता ने कहा कि संसद में अपने बयान में गृहमंत्री स्वयं स्पष्ट कर चुके हैं कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न बंगबंधु की हत्या के बाद आने वाले सैनिक शासन और गैर अवामी लीग सरकारों के दौरान हुआ था। वास्तव में गृहमंत्री ने शेख हसीना के इस संबंध में रिकॉर्ड की प्रशंसा की थी।
उल्लेखनेनीय है कि कुछ मीडिया रिपोर्टों में कहा गया था कि नागरिकता संशोधन विधेयक और गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर विरोध व्यक्त करने के लिए बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने अपना दौरा रद्द किया है। विदेश मंत्री को यह कहते हुए दर्शाया गया कि उनके देश में धार्मिक सोहार्द बना हुआ है और अमित शाह खुद बांग्लादेश आकर वस्तु स्थिति को देख सकते हैं।
नागरिकता संशोधन विधेयक के बारे में विभिन्न देशों के राजनयिकों को वस्तु स्थिति से अवगत कराने के प्रयास के संबंध में पूछे जाने पर प्रवक्ता ने कहा कि गृहमंत्री संसद में अपने वक्तव्य में सभी पहलुओं का विस्तार से उत्तर दे चुके हैं। अगर कोई जरूरत महसूस की गई तो इस संबंध में राजनयिक स्तर पर भी प्रयास किया जाएगा।
अमेरिकी कांग्रेस ने विदेशी मामलों की उप-समिति ने जम्मू-कश्मीर और नागरिकता संशोधन विधेयक के संबंध में होने वाली सुनवाई के संबंध में प्रवक्ता ने कहा कि भारत को आशा है कि अमेरिकी सांसद जम्मू-कश्मीर के हालात में पिछले दिनों आए सुधार को ध्यान में रखेंगे। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के हालात के बारे में अमेरिकी सांसदों तथा अन्य संबंधित पक्षों को वस्तु स्थिति से अवगत कराने के लिए राजनयिक स्तर पर हुई लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।