नई दिल्ली। जब आपका ध्यान कोविड-19 महामारी और यूक्रेन पर रूस के हमले पर था, तब अमेजन वर्षावनों को लेकर वैज्ञानिकों ने अत्यधिक डराने वाली भविष्यवाणी की. वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अमेजन वर्षावन (Amazon Rainforest) ऐसी स्थिति में पहुंच चुके हैं, जहां से उनकी बर्बादी को रोका नहीं जा सकता. जल्द ही ऐसा समय आने वाला है कि इसका करीब तीन-चौथाई हिस्सा खुद जल जाएगा. घास के मैदानों में बदल जाएगा. इसे इंसान चाहकर भी रोक नहीं पाएगा.
जितना हिस्सा कटेगा, उतनी बारिश कम हो जाएगी
कई दशकों से क्लाइमेट मॉडल्स के जरिए यह बात सामने आ रही है कि स्थानीय स्तर पर पेड़ों के अवैध कटाव (Local Deforestation) और वैश्विक गर्मी (Global Warming) ने अमेजन जंगलों के सहनशक्ति को खत्म कर दिया है. उसे लगातार बर्बादी की तरफ ले जा रही है. अमेजन के जंगल भारी मात्रा में पानी को भाप बनाने की प्रक्रिया करते हैं. जिसकी वजह से आसपास के इलाकों में बारिश होती है. अगर जंगल का एक हिस्सा काट दिया जाएगा या खत्म हो जाएगा, तो बारिश भी नहीं होगी. कम से कम उतने इलाके की बारिश पर तो असर पड़ेगा ही.
अमेजन ने बोल दिया- अब सहन नहीं कर पाऊंगा!
एक ऐसा समय आएगा कि बारिश नहीं होने की वजह से बड़ा इलाका सूख जाएगा. फिर उसमें आग लग सकती है. यह एक बुरा चक्र है जो पूरे जंगल को धीरे-धीरे खत्म कर देगी. पूरा वर्षावन नष्ट हो जाएगा. यह स्टडी हाल ही में Nature Climate Change जर्नल में प्रकाशित हुई है. जिसमें इस डराने वाली बातों को प्रमुखता से रखा गया है. वैज्ञानिकों ने 25 साल के सैटेलाइट डेटा का एनालिसिस करने के बाद यह खुलासा किया है कि अमेजन ने कह दिया कि अब बस बहुत हुआ. मैं और सहन नहीं कर पाऊंगा.
क्या होती है जंगल की सहन शक्ति?
यूनिवर्सिटी ऑफ एक्स्टर के शोधकर्ताओं ने अमेजन जंगलों के अलग-अलग स्थानों की सहनशक्ति की जांच की. इसमें देखा कि कैसे स्थानीय जंगल लगातार बदल रहे मौसम से किस तरह संघर्ष कर रहे हैं. इसे लेकर 25 साल तक हर महीने के डेटा को खंगाला गया. जंगल की सहनशक्ति का मतलब उसकी वो ताकत जिसके सहारे वो विपरीत परिस्थितियों में भी खुद को बचाए रखता है. जैसे- प्राकृतिक आपदाएं, इंसानी गतिविधियां, जंगलों का कटाव, अचानक से आए मौसम में बदलाव आदि.
जंगल की सहशक्ति का मतलब होता है कि वो इन आपदाओं और मुसीबतों के बाद कितनी जल्दी खुद को फिर से रिकवर कर लेता है. अगर ज्यादा दिन रिकवरी में लगता है तो इसका मतलब उसकी सहनशक्ति कमजोर हो गई है. जो कि पर्यावरण के लिए नुकसानदेह हो सकती है. वहां पर मौजूद जीवों और अन्य पेड़-पौधों के लिए बर्बादी की तरफ ले जा सकती हैं.
कितने बड़े इलाके में की गई सहनशक्ति की स्टडी
स्टडी में पता चला है कि अमेजन के वर्षावनों में से तीन-चौथाई जंगल साल 2000 से लगातार अपनी सहनशक्ति खो रहे हैं. जंगल के अंदर 200 किलोमीटर के दायरे में यह सहनशक्ति पूरी तरह से खत्म हो चुकी है. यहां पर सूखा इलाका बन गया है. यहां अब बारिश भी कम होती है. सहनशक्ति में कमी बायोमास में कमी की वजह से हुई है. स्टडी में इस बात का खुलासा किया गया है.
बेहद जटिल है अमेजन वर्षावनों की प्रणालियां
यूनिवर्सिटी ऑफ एक्स्टर के प्रो. डॉ. क्रिस बोल्टन ने कहा एक बयान में कहा कि अमेजन के वर्षावन (Amazon Rainforest) को लेकर शोधकर्ताओं ने इस बात का अंदाजा नहीं लगाया है कि वो समय कब आएगा कि यह पूरी तरह से नष्ट हो जाएगा. क्योंकि यह बेहद बड़े इलाके में फैला है. इसका अंदाजा लगाने में काफी ज्यादा समय लगेगा. इस जंगल के अंदर कई जटिल प्रणालियां हैं. पेड़ों की अलग, नदियों की अलग, जीवों की अलग. इसलिए पूरे जंगल को लेकर किसी एक तरह की भविष्यवाणी करना बेहद मुश्किल है.
घास के मैदान बने जंगल, उससे पहले करना है ये काम
पोट्सडैम इंस्टीट्यूट फॉर क्लाइमेट इम्पैक्ट रिसर्च के प्रोफेसर निकलास बोर्स ने कहा कि इस स्टडी में एक अच्छी बात ये है कि अमेजन के जंगलों ने अभी वह सीमा पार नहीं की है, जो खतरनाक है. अगर हम चाहें तो अब भी उसे बचाने का प्रयास कर सकते हैं. अमेजन के जंगल सवाना (Savannah) में बदलें, उससे पहले कई प्रयास किए जा सकते हैं. जंगल पर सिर्फ इंसान ही नहीं, बल्कि 2005 से लेकर 2010 तक लगातार आने वाले सूखे और बाढ़ की वजह से भी मुसीबतें आई हैं. लेकिन अभी तक अमेजन में ज्यादा बदलाव नहीं आया है. वो खुद को बचा ले रहा है.
क्या है इस समस्या का समाधान?
अमेजन के वर्षावन (Amazon Rainforest) को लेकर शोधकर्ताओं ने कुछ सलाह भी दी है. उनके मुताबिक इंसानों को सबसे पहले ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में तेजी से कमी आनी चाहिए. जितना ज्यादा संभव हो अमेजन जंगलों की संपदा को सुरक्षित करने की योजनाएं चलाई जाएं. वह भी जमीनी स्तर पर. ये भी माना जा रहा है कि अमेजन के जंगलों की हालत तभी सही हो जब ब्राजील में राष्ट्रपति चुनाव हो जाएंगे. क्योंकि वर्तमान राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो प्राकृतिक संरक्षण को लेकर जरा सा भी काम नहीं कर रहे हैं. बल्कि उनकी नीतियां जंगल को नुकसान पहुंचा रही हैं.
कितने प्रतिशत जंगल बचाए जा सकते हैं?
शोधकर्ताओं का मानना है कि अगर सरकारी नीतियां बदलें और सरकार बदले तो अब भी अमेजन के वर्षावनों के खराब होते हिस्से में से 40 फीसदी को बचाया जा सकता है. क्योंकि ये ब्राजील की सीमा से बाहर हैं. इन जंगलों को अगर स्थानीय लोगों और आदिवासियों के जिम्मे छोड़ दिया जाए तो इनका संरक्षण ज्यादा बेहतर होगा. इससे वहां रहने वाले लोगों को भी फायदा होगा. क्योंकि वो वहीं के लिए बने हैं. वो उस जंगल की नस-नस से वाकिफ हैं.
कौन रहता है अमेजन के जंगल में?
अमेजन के वर्षावन (Amazon Rainforest) दुनिया के किसी भी उष्णकटिबंधीय (Tropical) जंगल से बहुत बड़े हैं. अगर यहां कोई आपदा आती है, तो उसके आसपास रहने वाले सभी लोगों को कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ेगा. दो तरह के नुकसान सीधे तौर पर होंगे. पहला कोरल रीफ्स खत्म होंगे. इसके अलावा अमेजन के जंगल लाखों तरह के पेड़-पौधे, हजारों जीव-जंतुओं की प्रजातियां, सूक्ष्म जीव और स्थानीय आदिवासी रहते हैं. जो जंगल खत्म होने से खत्म हो जाएंगे. यह वैश्विक गर्मी को ठीक करता है. अगर यह जंगल जल गया तो 9000 करोड़ टन कार्बन डाईऑक्साइड निकलेगा, जो कि वायुमंडल के लिए बेहद खतरनाक होगा.
डीजल-पेट्रोल की कीमतों में 30 रुपये तक बढ़ौतरी, इस दिन से बढ़ेंगे रेट……
सलमान खान ने गुपचुप कर ली सोनाक्षी सिन्हा से शादी!
कोमा में पहुंचे Ranveer Singh, कुछ ऐसा हुआ हाल
झारखंड सरकार की कैबिनेट बैठक में 35 प्रस्तावों को मिली मंजूरी
बड़ी खबर: झारखंड में पंचायत चुनाव को हरी झंडी
‘धोनी के संन्यास लेने तक सिर्फ कवर के रूप में मुझे इस्तेमाल किया गया’, क्रिकेटर ने लगाए गंभीर आरोप
हर हफ्ते करें इन 6 चीजों का सेवन, तेजी से कम होगा वजन
फ्रिज में रखा रेस्टोरेंट का खाना खाने के बाद हुआ बीमार, काटने पड़े पैर, आप भी रहें सतर्क!
SBI कस्टमर्स फटाफट निपटाएं ये काम, वरना रुक सकते हैं बैंक से जुड़े कामकाज!
CBSE-ICSE और स्टेट बोर्ड की 10वीं और 12वीं की फिजिकल परीक्षाएं रद्द…
दुनिया में आ रही कोरोना जैसी एक और महामारी, बिल गेट्स की चेतावनी ने बढ़ाई टेंशन
कभी 6 अंकों का होता था ATM का पिन, फिर क्यों घटाकर कर दिए गए 4 नंबर ?
झारखंड में जारी हुआ येलो अलर्ट, आने वाले इन दो दिनों में होगी बारिश
आम आदमी को लगने वाला है बड़ा झटका, भारत में Petrol Diesel 5-6 रुपये लीटर महंगा!
DJ हुआ बंद तो घोड़ी पर बैठ कर थाने पहुंचा दूल्हा और पूरी बारात इसके बाद…
Tata-Birla नहीं, ये है हिंदुस्तान की सबसे पुरानी कंपनी, जहाज बनाने से शुरुआत
Paytm ने आम आदमी से लेकर बड़े अमीरों को दिया जोर का झटका; जानें क्या हुआ?
Smartphone से लेकर Refrigerator तक, जानिए 1 अप्रैल से क्या होगा सस्ता और महंगा
रिश्वत लेने के आरोपी सब इंस्पेक्टर को पकड़ने 1 KM तक दौड़ी एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम