लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विद्दयालय अपने छात्रों को किसी विशिष्ट दुकान से यूनीफार्म व पुस्तकें खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकते। यदि छात्रों को दुकान विशेष से खरीददारी करने के लिए बाध्य किया गया तो विद्दयालय के प्रधानाचार्य और प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।
उत्तर प्रदेश में नया शैक्षिक सत्र प्रारम्भ हो गया है। विद्यालयों द्वारा ड्रेस एवं पुस्तकें व्यावसायिक दृष्टि से न बेचने के लिए स्ववित्त पोषित अधिनियम 2018 पारित है। इसके तहत किसी छात्र को पुस्तकें,जूते मोजे एवं यूनीफार्म आदि किसी विशिष्ट दुकान से क्रय करने के लिए बाध्य नहीं किया जायेगा।
लखनऊ के जिला विदयालय निरीक्षक डा. अमर कान्त सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी कर कहा है कि यदि लखनऊ में किसी विद्यालय द्वारा छात्रों को किसी विशेष दुकान से खरीददारी के लिए बाध्य किया जायेगा तो उसके खिलाफ विधिक कार्यवाही की जायेगी।