रांची। झारखंड हाई कोर्ट से शुक्रवार को चारा घोटाला के पांच मामलों के सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की जमानत पर सुनवाई के बाद अदालत ने उन्हें बड़ी राहत दी है। यह मामला जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध था।
इस मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने लालू यादव को जमानत दे दी है। कोर्ट ने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने लगभग 40 महीने जेल में गुजा चुके हैं, जो आधी सजा 30 महीने से भी ज्यादा है। हाई कोर्ट से बेल मिलने के बाद लालू यादव को बड़ी राहत मिली है। अदालत ने जमानत के लिए यह शर्त रखी है कि लालू यादव को सीबीआई कोर्ट द्वारा सजा के साथ मुकर्रर की गई 10 लाख की जुर्माने की राशि कोर्ट में जमा करनी होगी।
सीबीआई ने दावा किया है कि डोरंडा कोषागार मामले में लालू प्रसाद ने सजा की आधी अवधि अभी पूरी नहीं की है। इस कारण आधी सजा काट लेने के आधार पर उन्हें जमानत नहीं मिलनी चाहिए। लालू प्रसाद को इस मामले में रिमांड पर नहीं लिया गया था। इस कारण पूर्व की सजा में इसे शामिल नहीं किया जा सकता।
लालू प्रसाद को डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सीबीआई कोर्ट से पांच साल की सजा मिली है। इस मामले में आधी सजा काट लेने और बीमारी का हवाला देते हुए लालू प्रसाद ने हाई कोर्ट से जमानत मांगी है।
उल्लेखनीय है कि बहुचर्चित चारा घोटाला के सबसे बड़े मामले में डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू प्रसाद को दोषी मानते हुए पांच साल की सजा सुनाई है। मामले में अब तक चार बार सुनवाई हो चुकी है। चार मार्च को याचिका में त्रुटियां थी, 11 मार्च को लोअर कोर्ट का रिकॉर्ड तलब किया गया था, एक अप्रैल को जज कोर्ट नहीं पहुंचे थे और आठ अप्रैल को सीबीआई ने वक्त मांगा था। अब निचली अदालत से मामले के रिकॉर्ड हाईकोर्ट पहुंच गए हैं साथ ही सीबीआई ने भी अपना जवाब दाखिल कर दिया है।
हिन्दुस्थान समाचार/ वंदना