इस्लामाबाद। पाकिस्तान के ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर शुक्रवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारियों के विरोध प्रदर्शन और पत्थरबाजी के मामले में वहां के मंत्री फवाद चौधरी एक बार फिर से विवादों में आ गए।
दरअसल, अपने विवादित बयानों और टवीट्स को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले पाकिस्तान के विज्ञान और तकनीकी मंत्री फवाद चौधरी उस समय एक बार फिर से घिरते दिखे, जब उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री के ट्वीट का जवाब दिया। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, “अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने बहुत पहले साल 2013 में भविष्यवाणी कर दी थी कि सरकारों के लिए सबसे बड़ी चुनौती फेक न्यूज और आधी सच्चाई पर आधारित जानकारी के प्रसार को रोकना और उससे निपटना होगा। श्री ननकाना साहिब गुरुद्वारा शांति, सद्भाव और आशीर्वाद का प्रतीक है और रहेगा।”
दरअसल, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस मामले में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान से तुरंत हस्तक्षेप की अपील की थी। अमरिंदर सिंह ने ट्विटर पर लिखा, “मैं इमरान ख़ान से अपील करता हूं कि वह इस मामले में तुरंत दखल दें और वहां फंसे हुए श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकालने का प्रबंध करवाएं।”
उल्लेखनीय है कि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भीड़ की अगुवाई मोहम्मद हसन के परिवार ने की थी। हसन पर एक सिख लड़की का जबरन धर्मांतरण कराने का आरोप है। घटना के बाद बड़ी संख्या में पुलिस बल को इलाके में तैनात किया गया था। बढ़ते दबाव के बाद पाकिस्तान की पुलिस ने देर रात सिख लड़की जगजीत कौर के अपहरण के आरोपी एहसान को छोड़ दिया। आरोपी के छोड़े जाने के बाद भीड़ गुरुद्वारे से हट गई।
वहीं, पाकिस्तान ने गुरुद्वारा साहिब को खास समूह के लोगों की ओर से अपवित्र करने की खबर का खंडन करते हुए एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि पंजाब प्रांत के अधिकारियों ने ये जानकारी दी है कि वहां दो मुस्लिम समूहों के बीच किसी छोटी सी घटना को लेकर झड़प हुई थी, जिसमें फौरन दखल देते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। गुरुद्वारा साहिब बिल्कुल सुरक्षित है। बयान में ये भी कहा गया कि पाकिस्तान सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने और अल्पसंख्यकों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।