नई दिल्ली। आज वकील अर्पणा भट्ट ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि असम में 60 ऐसे बच्चे हैं, जिनके अभिभावकों को एनआरसी में जगह मिल गई है, पर वे दस्तावेज नहीं होने के चलते एनआरसी में जगह नहीं पा सके हैं और उन्हें अलग कर दिया गया है।
केंद्र सरकार की ओर से अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने इससे इनकार किया। अटार्नी जनरल ने साफ किया कि ऐसे बच्चों को डिटेंशन सेंटर नहीं भेजा जाएगा। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल के आश्वासन को रिकॉर्ड पर लिया। कोर्ट ने केंद्र सरकार से चार हफ्ते में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।