लखनऊ। राजधानी लखनऊ में चल रहे डिफेंस एक्सपो में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को आयोजन स्थल पर उपस्थित राफेल के कॉकपिट सिम्युलेटर का निरीक्षण किया। इस दौरान फ्रांस के रक्षा विशेषज्ञों ने उन्हें राफेल की विशेषताओं के बारे में बताया और कॉकपिट सिम्युलेटर को लेकर जानकारी दी।
भारत और फ्रांस की सरकार के बीच राफेल लड़ाकू विमान खरीद के लिए सितम्बर 2016 में करार हुआ था। इसके तहत वायुसेना को 36 लड़ाकू राफेल विमान मिलेंगे। चार राफेल के पहली खेप मई 2020 में भारत पहुंचेगी। राफेल 100 किलोमीटर के दायरे में एकसाथ 40 टारगेट डिटेक्ट कर सकता है और इसकी अधिकतम गति 2223 किलोमीटर प्रति घंटा है। इस लड़ाकू विमान का वजन 10 टन है और यह 24.5 टन वजन के हथियार लेकर उड़ सकता है।
राफेल के भारतीय वायुसेना में शामिल होने से देश की हवाई ताकत में कई गुना इजाफा हो जाएगा। डिफेंस एक्सपो में राफेल में लगने वाली मिसाइलों को प्रदर्शित किया गया है। इन्हीं में से एक हवा से हवा में मार करने वाली मिटयोर मिसाइल की रेंज करीब 150 किलोमीटर है। मिटयोर मिसाइल में रैमजेट इंजन लगा होने की वजह से फायर करने के बाद भी लक्ष्य के मुताबिक उसका रुख बदला जा सकता है। राफेल में हवा से जमीन पर मार करने के लिए इस्तेमाल होने वाली स्कैल्प मिसाइल भी बेहद खास है।
450 किलोग्राम की इस मिसाइल की रेंज करीब 300 किलोमीटर है और ये दुश्मन के बड़े सैन्य या आतंकी ठिकाने को पल भर में नेस्तनाबूद करने में सक्षम है।
भारतीय सेना को मिली सारंग गन
डिफेंस एक्सपो में शुक्रवार को स्वदेशी रूप से विकसित कई उत्पादों को भी लाॅन्च किया गया है। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा सारंग तोप को भारतीय सेना को सौंपा जाना बेहद महत्वपूर्ण रहा।
सारंग तोप की विशेषताओं पर नजर डालें तो देश की सबसे बड़ी इस तोप सारंग का हाल ही में जबलपुर में सफल परीक्षण किया जा चुका है। यह मेक इन इंडिया के संकल्प को साकार करती है और पूरी तरह से स्वेदश में निर्मित है। यह बोफोर्स से कहीं ज्यादा घातक है और पहाड़ों में छिपे दुश्मनों को नेस्तनाबूद करने की इसमें विशेष क्षमता है।
सारंग आर्टिलरी तोप के पहले बैच में 18 तोप सेना को दी जानी हैं। सैन्य अधिकारियों के मुताबिक उन्नत संस्करण में सारंग की बैरल को 130 मिलीमीटर से बढ़ाकर 155 मिलीमीटर किया गया है, जिससे इसकी मारक क्षमता करीब 12 किलोमीटर बढ़कर 39 किलोमीटर हो गई है। यानी इस तोप से 39 किलोमीटर तक तोप से अचूक निशाना लगाया जा सकता है।
45 कैलिबर वाली इस गन की खासियत यह है कि इससे एक मिनट में तीन राउंड फायर किए जा सकते हैं। यह तोप बिना रुके एक घंटे तक गोले दागने की क्षमता रखती है। इसका वजन 8450 किलो है। इसके बैरल की लंबाई 7700 एमएम है।
उन्नत संस्करण का खमारिया ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की लांग रूफ फायरिंग रेंज पर 0 से 45 डिग्री तक विभिन्न पैरामीटर पर परीक्षण किया जा चुका है। मध्य प्रदेश के जबलपुर जिला मुख्यालय से करीब 16 किलोमीटर दूर किया गया यह इंटिग्रेटिड फायरिंग परीक्षण पूरी तरह सफल साबित हुआ। इस गन का चार अलग-अलग एंगल से फायर कर परीक्षण किया गया। इसके बाद से ही इसे सेना को सौंपे जाने का रास्ता साफ हो गया था।