नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने दो मलायली समाचार चैनलों पर 48 घंटे के लगे प्रतिबंध को 12 घंटे में ही हटा लिया। शनिवार को इस संबंध में केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार प्रेस की स्वतंत्रता का समर्थन करती है। दो समाचार चैनलों पर लगा प्रतिबंध हटा दिया गया है। उन्हें दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा के अपनी कवरेज पर निलंबित कर दिया गया था।
जावड़ेकर ने मीडिया के लिए ‘जिम्मेदार स्वतंत्रता’ की वकालत करते हुए कहा कि देश भर में ‘सांप्रदायिक विद्वेष’ बढ़ाने वाली रिपोर्ट के लिए शुक्रवार को एशियानेट न्यूज़ और मीडिया वन पर 48 घंटे का प्रतिबंध लगाया गया था। जब हमें पता चला कि वास्तव में क्या हुआ था तो तुरंत चैनलों को बहाल कर दिया गया। मंत्री ने कहा कि एशियानेट न्यूज़ का प्रसारण शुक्रवार रात को बहाल कर दिया गया था, क्योंकि इसके मालिक ने उनसे और शनिवार सुबह मीडिया वन से बात की थी। उन्होंने कहा, ‘हमारी मूल विचार प्रक्रिया यह है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में प्रेस की स्वतंत्रता अत्यंत आवश्यक है और यही मोदी सरकार की प्रतिबद्धता है।’
उन्होंने आपातकाल का हवाला देते हुए कहा कि उन दिनों प्रेस की स्वतंत्रता को दबा दिया गया था। उन्होंने कहा, ‘हम उसके खिलाफ जेल गए और हमने प्रेस की स्वतंत्रता हासिल की।’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे मामले पर चिंता व्यक्त की है।
जावड़ेकर ने कहा, ‘मैं निश्चित रूप से ब्योरे में जाऊंगा और अगर कोई गलत काम होता है तो जरूरी कदम उठाऊंगा। लेकिन मैं आपको यह भी बता दूं कि हर किसी को स्वीकार करना चाहिए कि जिम्मेदार स्वतंत्रता होनी चाहिए।’