News Samvad : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में मेक्सिको, कनाडा और चीन पर टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिससे वैश्विक व्यापार में हलचल मच गई है। 1 फरवरी को ट्रम्प ने मेक्सिको और कनाडा से आने वाले सामान पर 25% और चीन के सामान पर 10% टैरिफ लगाने का ऐलान किया। इसके एक दिन बाद, उन्होंने यूरोपीय यूनियन पर भी टैरिफ लगाने की बात कही।
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टैरिफ का अर्थ
टैरिफ एक प्रकार का सीमा शुल्क या टैक्स है, जो एक देश अपने आयातित सामान पर लगाता है। इसका उद्देश्य विदेशी सामान को महंगा बनाकर घरेलू उत्पादों की खपत को बढ़ावा देना है। उदाहरण के लिए, यदि भारत से अमेरिका में एक डायमंड की कीमत 10 लाख रुपए है और उस पर 50% टैरिफ लगाया जाता है, तो उसकी कीमत 15 लाख रुपए हो जाएगी।
व्यापार घाटा कम करने की कोशिश
ट्रम्प का मुख्य उद्देश्य अमेरिका का व्यापार घाटा कम करना है। 2023 में, अमेरिका को चीन से 30.2%, मेक्सिको से 19% और कनाडा से 14.5% का घाटा हुआ। ट्रम्प ने कहा कि ये टैरिफ अमेरिका की सुरक्षा और आर्थिक हितों की रक्षा के लिए आवश्यक हैं।
कनाडा और मेक्सिको का जवाब
ट्रम्प के टैरिफ लगाने के तुरंत बाद, कनाडा ने भी अमेरिका से आने वाले सामान पर 25% टैरिफ लगाने का ऐलान किया। मेक्सिको ने भी जवाबी टैरिफ लगाने की योजना बनाई, लेकिन बाद में एक समझौता हुआ। वहीं, चीन ने इस फैसले को विश्व व्यापार संगठन में चुनौती देने का निर्णय लिया है।
भारत पर खतरा?
हालांकि ट्रम्प ने सीधे तौर पर भारत का नाम नहीं लिया है, लेकिन उन्होंने ब्रिक्स देशों पर टैरिफ लगाने की धमकी दी है। भारत अमेरिका के लिए 9वें नंबर का व्यापार घाटा उत्पन्न करने वाला देश है। 2024 में, अमेरिका को भारत से 3.5 लाख करोड़ रुपए का घाटा हुआ।
भारत का बचाव
भारत ने अमेरिका के टैरिफ से बचने के लिए कई अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ कम किया है। इसके अलावा, भारत ने अमेरिका के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने के लिए कोई विवादास्पद कदम नहीं उठाया है।
ट्रम्प और मोदी की मीटिंग
ट्रम्प और मोदी के बीच हाल ही में हुई बातचीत में व्यापारिक मुद्दों पर चर्चा हुई। यदि दोनों नेता मिलकर व्यापारिक साझेदारी को मजबूत करने पर सहमत होते हैं, तो भारत पर टैरिफ लगाने की संभावना कम हो सकती है।
अमेरिकी जनता पर प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि टैरिफ के कारण अमेरिका में महंगाई बढ़ने की संभावना है। टैरिफ का बोझ अंततः उपभोक्ताओं पर पड़ेगा, जिससे रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतें बढ़ सकती हैं।
इस प्रकार, ट्रम्प के टैरिफ वॉर का प्रभाव वैश्विक व्यापार पर गहरा पड़ सकता है, और भारत को भी इसके संभावित परिणामों के लिए तैयार रहना होगा।
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