बिहार विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और उनकी पार्टी का एनडीए में हिस्सा शामिल होना लगभग तय हो चुका है। गुरुवार को जीतन मांझी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर पहुंचे और उनसे लंबी मुलाकात की। इस दौरान मांझी के एनडीए में आने पर सहमति बन गई है।
सूत्रों का कहना है कि सीएम नीतीश कुमार ने मांझी की पार्टी को 9-12 सीटें देने का आश्वासन दिया है। हालांकि मांझी एनडीए में 15 सीटों की मांग कर रहे हैं। मांझी बीजेपी कोटे की कुछ सीटों पर हिन्दुस्तान आवामा मोर्चा (हम) के प्रत्याशी को खड़ा करना चाहते हैं। उनकी इस मांग पर अभी कोई सहमति नहीं मिली है।
सीएम नीतीश और मांझी की हुई बैठक में तय हुआ है कि 31 अगस्त तक सीटों के बंटवारे पर चर्चा हो जाएगी। हम नेता दानिश रिजवान ने बताया कि 30 अगस्त से पहले मांझी के एनडीए में शामिल होने की आधिकारिक घोषणा हो जाएगी। सूत्रों का कहना है कि मांझी ने जिन सीटों की डिमांड की है वे सभी मगध प्रमंडल की हैं। इस इलाके में मांझी की अच्छी खासी पैठ मानी जाती है। पिछले दिनों जीतन राम मांझी महागठबंधन से अलग हुए थे। पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में मांझी की पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली थी।
इस मुलाकात के बाद जीतन राम मांझी ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार से कोई राजनीतिक बात नहीं हुई है। आज हमारी बातचीत क्षेत्र की समस्याओं को लेकर हुई है। मांझी ने कहा कि एक-दो दिनों में राजनीतिक बात होगी।
चिराग-मांझी की तल्खी कैसे दूर करेंगे नीतीश?
यहां बता दें कि एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान और हम नेता जीतन राम मांझी के बीच तल्खी भरे रिश्ते हैं। दोनों नेता दलित वोटों की राजनीति करते हैं। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि एनडीए में चिराग और मांझी के बीच तल्ख रिश्तों को कैसे मैनेज किया जाएगा। जानकार मानते हैं कि करीब 2 से ढाई फीसदी वोट मांझी के नाम के साथ हैं। ये वोटर मांझी के नाम के साथ शिफ्ट होते रहे हैं।