पटना। रामविलास पासवान की लोकजनशक्ति पार्टी पूरी तरह से टूट चुकी है और इसके सूत्रधार सिर्फ और सिर्फ पशुपति पारस थे। जबसे चिराग को अध्यक्ष बनाया गया है तबसे नाराज ही हैं। चिराग पासवान ने 24 घंटे के बाद चाचा को घेरने के लिए सबूत के साथ ट्वीट किया है। उनका कहना ये है कि ‘ पार्टी मां के समान होती है और मां से धोखा नहीं करते।’
चिराग ने अब अपनी चुप्पी थोड़ी है जिससे बड़ा सियासी बवंडर आने को है।
चिराग ने अपने चाचा पशुपति पारस को लिखी 29 मार्च 2021 की पुरानी चिट्ठी भी ट्विटर पर सार्वजनिक कर दी है। इस चिट्ठी में उन्होंने साफ लिखा है कि ‘2019 में रामचंद्र चाचा के निधन के बाद से ही आपमें बदलाव देखा और आज तक देखते आ रहा हूं। चाचा के निधन के बाद प्रिंस की जिम्मेदारी चाची ने मुझे दे दी और कहा कि आज से मैं ही प्रिंस के लिए पिता समान हूं। प्रिंस को आगे बढ़ाने के लिए उसको प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मैंने दी। सबलोग इस फैसले से खुश थे लेकिन मुझे तब पीड़ा हुई जब आप इस फैसले के विरोध में नाराज हो गए और आपने प्रिंस को मिली नई जिम्मेवारी के लिए उसे शुभकामना देना भी उचित नहीं समझा।’
साथ ही चिराग ने लिखा है कि ‘पापा चाहते थे कि मैं पार्टी के लिए और समय दूं, जिसके लिए उन्होंने मुझे पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का निर्णय लिया। आपने इस फैसले पर भी अपनी नाराजगी जताई।’ इसके बाद से ही पशुपति ने अपनी अगली चाल चली है और संसदीय दल के नेता के बाद अब चिराग पासवान को एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से भी हटा दिया गया है।
वहीं, सूरजभान सिंह को LJP का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है।
बताया जा रहा है अगले दो-तीन दिनों में पटना में मीटिंग कर पशुपति पारस को एलजेपी का नया अध्यक्ष बनाया जा सकता है। लेकिन ऐसा होना संभव नहीं लगता क्योंकि राष्ट्रीय कार्यसमिति में चिराग पासवान के समर्थकों की बहुमत है। लिहाजा पारस को किसी भी हाल में कागजी कार्रवाई पूरी करनी होगी तभी वो चुनाव आयोग के सामने LJP पर दावा पेश कर पाएंगे।